गोंदिया के 87 गांवों को बारिश में बाढ़ से खतरा

गोंदिया के 87 गांवों को बारिश में बाढ़ से खतरा

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-24 07:08 GMT
गोंदिया के 87 गांवों को बारिश में बाढ़ से खतरा

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। बारिश मुहाने पर है। जून में मृग नक्षत्र के बाद बारिश का आगमन होगा। मौसम विभाग ने भी  कुछ ही दिनों में जिले में मानसून के आगमन के संकेत दे दिए हैं। मानसून पूर्व तैयारी का प्रारूप तैयार कर जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित गांवों की लिस्ट तैयार की है। जिसके अनुसार बारिश के दिनों में नदी तट से सटे 87  गांवों पर बाढ़ का खतरा बना रहेगा। उससे निपटने के लिए प्रशासन तैयारी में जुट गया है।  

जिला आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में बाघ, वैनगंगा, पांगोली नदियों एवं नालों के किनारे बसे गावों में प्रतिवर्ष बारिश के मौसम में बाढ़ का खतरा निर्माण होता है। इन गावों में गोंदिया तहसील के मुरदाड़ा, महालगाव, धापेवाड़ा, जिरूटोला, डांगुर्ली, तेढवा, मापेडी, खमारी, कासा, ब्राम्हणटोला, मरारटोला, पुुजारीटोला, सतोना, भाद्याटोला, बनाथर, धामनगांव, किन्ही, बलमाटोला, बिरसोला, सरकारटोला, लोधीटोला, फुलचूर, गौरीनगर, देवरी, कोरणी, छिपिया, अंभोरा, बरबसपुरा एवं वड़ेगांव आदि गांवों का समावेश है।

इसी के साथ आमगांव तहसील के घाटटेमनी, बनियाटोला, महावीटोला, शंभुटोला, बनगांव, कुंभारटोली, मुंडीपार, सरकारटोला, पिपरटोला, सावंगी, चिचटोला, ढिवरटोला, सालेकसा तहसील के साकरीटोला, लोधीटोला, भाडीपार, नवेगांव, भजेपार, कडौतीटोला, म्हसीटोला, खेडेपार, हलबीटोला, घोंसी, बाम्हणी एवं धानोली, गोरेगांव तहसील के कटंगी, हिरडामाली, भगतटोला, सडक अर्जुनी तहसील के गोंगले, म्हसवानी, कोदामेडी, वड़ेगाव, तिड़का, घाटबोरी, बौध्दनगर एवं अर्जुनी मोरगांव तहसील के जरुघाट, बोंडगांव, गांधारी, सरांडली, पुष्पनगर, परसटोला एवं अरततोंडी, तिरोड़ा तहसील के सरांडी, चांदोरी, पिपरिया, किडंगीपार, खुरकुडी, घाटकुरोड़ा, मांडवी, बिरोली, कवलेवाड़ा, करटी, इंदोरा, बिहरिया, सावरा, अर्जुनी आदि गांव प्रमुखता से शामिल  हैं।

जिले में बाघ प्रकल्प पुजारीटोला प्रकल्प, कालीसराड़ एवं इटियाडोह इन बड़े प्रकल्पों के साथ ही खैरबंदा, संग्रामपुर, बोदलकसा, चोरखमारा, रेंगेपार, चुलबंद, उमरझरी, मानागड़, कटंगी एवं कलपाथरी इन मध्यम प्रकल्पों में जलसंचय किया जाता है। भारी वर्षा के चलते सभी जल प्रकल्प ओवरफ्लो होने के बाद नदियों में पानी छोड़ा जाता है। जिस कारण बाढ़ का खतरा रहता है। बाढ़ से निपटने के लिए अभी से महत्वपूर्ण प्रशिक्षण, कर्मचारियों को दिए जा रहे है। वहीं सभी तैयारियां की जा रही है। 

आपदा से निपटने को तैयार
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी विभाग प्रमुखों की उपस्थिति में मानसून पूर्व तैयारी के संदर्भ में महत्वपूर्ण बैठक हुई है। जिसमें आवश्यक निर्देश दिए गए है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग प्राकृतिक आपदाओं से निपटने को तैयार है।  
- राजन चौबे, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, गोंदिया

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