तेज रफ्तार ट्रेलर रेलवे के आवासीय परिसर में घुसा, आक्रोशित परिजनों ने बंद रखा स्टेशन रोड, स्कूली बच्चे फंसे 

तेज रफ्तार ट्रेलर रेलवे के आवासीय परिसर में घुसा, आक्रोशित परिजनों ने बंद रखा स्टेशन रोड, स्कूली बच्चे फंसे 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-05 13:40 GMT
तेज रफ्तार ट्रेलर रेलवे के आवासीय परिसर में घुसा, आक्रोशित परिजनों ने बंद रखा स्टेशन रोड, स्कूली बच्चे फंसे 

डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (मोरवा)। पिछली देर रात तकरीबन 11बजे एक ट्रेलर अनियंत्रित हो गया। यह वाहन कई पेड़ों, और बेरिकेड्स को तोड़ते हुए रेलवे आवास की भारी भरकम बाउंड्रीवॉल को पार कर गया। यदि बिजली के खंभे में वह नही टकराता तो समीप स्थित रेल आवास में टकरा जाता। बड़े खतरे की आशंका से आक्रोशित रेल कर्मियों व उनके परिवार की महिलाओं ने सुबह 8 बजे पुराने एनएच 75रेलवे स्टेशन के पास जाम लगा दिया। उन्होंने कोयला वाहक वाहनों को यहां  से हटाये जाने और उनकी रफ्तार पर नियंत्रण की मांग की। जिला प्रशासन और रेल अधिकारियों से मामले को संज्ञान में लेने की मांग करते हुए दोपहर 12 बजे तक जाम की स्थिति बनाये रखा। 
    रेल कर्मियों ने बताया कि रात के समय सडक़ से आकर आवास के पहुंचा ट्रेलर बिजली के पोल में जाकर अटक गया था। वह भी रेल पोल था इसलिए लेकिन यदि इसमें कोयला लोड होता तो फिर वह रूकने की बजाय आवास को तोड़ते हुए अंदर दाखिल हो जाता क्योकि कुछ फिट के फासले पर आवास क्रमांक 65ए था जिस पर एक रेलकर्मी का परिवार रह रहा है। उसके  बगल में भी लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में थे कि जोरदार धमाके से वे अवाक रह गये। शोरगुल सुनकर लोग बाहर निकले तो चालक, डम्पर क्रमांक एमपी 66एच 2434 को छोडकऱ भाग निकला। सुबह भी कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा तो कर्मियों का आक्रोश भडक़ उठा और सडक़ जाम कर प्रशासन से हाइवा की रफ्तार पर अंकुश लगाने की मांग करने लगे।  जाम के कारण दोनों तरफ से वाहनों की लम्बी कतारें लग गयी थीं। जिससे मोरवा-गोरबी और वैढऩ की ओर आवागमन ठप हो गया। 
बंद कर दिये रेल कालोनी के मार्ग
जाम की स्थिति निर्मित होने के बाद दो पहिया व चार पहिया वाहन रेल कालोनी मार्ग से बायपास होकर निकलने की कोशिश करने  लगे। रेल कर्मियों ने इन मार्गों पर भी बेरिकेड्स लगा दिया और पूरी तरह से आवागमन बंद कर दिया। आवागमन बाधित होने की जानकारी होते ही मोरवा पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन महिलाओं ने उनकी एक न सुनी । उनकी मांग थी कि इस प्रकार अनियंत्रित वाहनों से होने वाले खतरे की जिम्मेदारी कौन लेगा?
डीआरएम के नही आने से बढ़ा रोष
बीते दिवस त्रिवेणी एक्सप्रेस के डिरेलमेंट होने के  कारण धनबाद डीआरएम सिंगरौली क्षेत्र में ही थे लेकिन इस घटना के बाद भी उनके मौके पर जायजा लेने तक न पहुंचने से  रेल कर्मियों में भारी आक्रोश रहा। आल इंडिया रनिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इसकी निंदा भी की। आलम यह रहा कि स्टेशन के अधीक्षक व अन्य जिम्मेदार अधिकारी भी इस बड़ी दुर्घटना की आशंका की जानकारी तक लेने नही पहुंचे। 
पहुंचे सीनियर डीसीएम धनबाद
रेलकर्मियों की शिकायत और एक बड़ी दुर्घटना की आशंका की जानकारी होने पर सीनियर डीसीएम धनबाद अखिलेश पांडेय स्टेशन कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके का मुआयना किया और निर्देश दिया कि डम्पर को आरपीएफ के अंडर में दिया जाय और इसे सीज कर रेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाय। जिसके उपरांत रेलकर्मियों का गुस्सा शांत हुआ। 
जाम से जूझ गये नन्हे मुन्ने
स्टेशन रोड जाम होने से कई स्कूल बसें भी इस जाम का शिकार हुई। जिसमें छोटे छोटे स्कूली बच्चे और शिक्षिकाएं भी बैठी हुई थी। उन्होनें कहा कि यह रोज की स्थिति है,डम्पर चलते है तो प्रशासन उन्हें नियंत्रित करे उनकी रफ्तार पर नियंत्रण के लिये नियमों को कड़ाई से पालन कराया जाय। इस प्रकार जाम लगने और दुर्घटनाओं से आम लोग परेशान होते हैं। इस रोड पर निर्धारित 25किमी प्रतिघंटे की रफ्तार का पालन क्यों नही हो पा रहा है हर दिन गोरबी के स्कूल से आते जाते उन्हें जूझना पड़ता है।
 

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