विषाणु रोग रहित आलू बीज के उत्पादन के लिए कृषि मंत्रालय और मध्य प्रदेश सरकार के बीच करार

ग्वालियर में बनेगी लैब विषाणु रोग रहित आलू बीज के उत्पादन के लिए कृषि मंत्रालय और मध्य प्रदेश सरकार के बीच करार

Tejinder Singh
Update: 2022-05-04 16:11 GMT
विषाणु रोग रहित आलू बीज के उत्पादन के लिए कृषि मंत्रालय और मध्य प्रदेश सरकार के बीच करार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एलोपॉनिक विधि के माध्यम से विषाणु रोग रहित आलू बीज के उत्पादन के लिए कृषि मंत्रालय और मध्य प्रदेश सरकार के बीच बुधवार को यहां एक अनुबंध हुआ। इसके तहत ग्वालियर में एक लैब स्थापित होगी। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के उद्यानिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह मौजूद थे। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस दौरान इस बात पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि शिमला स्थित केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित विषाणु रोग रहित आलू बीज उत्पादन की एरोपोनिक विधि के माध्यम से बीज आलू की उपलब्धता देश के कई भागों में किसानों के लिए सुलभ की गई है और आज मध्य प्रदेश के बागवानी विभाग को इस तकनीक का लाइसेंस देने के लिए अनुबंध किया गया है। तोमर ने कहा कि यह नई तकनीक आलू के बीच की आवश्यकता को पूरा करेगी और राज्य के साथ ही देश में भी आलू के उत्पादन में वृद्धि करेगी।

मध्यप्रदेश के मंत्री कुशवाह ने केन्द्रीय मंत्री तोमर को धन्यवाद देते हुए उम्मीद जताई कि यह तकनीक आलू बीज की जरुरत काफी हद तक पूरा करेगी और राज्य में उत्पादन में वृद्धि करेगी। कुशवाह ने कहा कि मध्यप्रदेश आलू का छठा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और आलू प्रसंस्करण के लिए आद र्श गंतव्य के रुप में उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले बीज की कमी हमेशा से समस्या रही है, जिसका हल किया जा रहा है। इस अनुबंध से राज्य के आलू उत्पादक किसानों को काफी सहूलियत होगी। इस अवसर पर मौजूद मध्यप्रदेश के बागवानी आयुक्त ई रमेश कुमार ने कहा कि प्रदेश को लगभग चार लाख टन बीज की आवश्यकता है, जिसे 10 लाख मिनी ट्यूबर उत्पादन क्षमता वाली इस तकनीक से पूरा किया जाएगा। ग्वालियर में एक जिला-एक उत्पाद के तहत आलू फसल का चयन किया गया है। 

 

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