मीड डे मील में घटिया क्वालिटी का दिया जा रहा भोजन, आला अधिकारियों ने साधी चुप्पी

मीड डे मील में घटिया क्वालिटी का दिया जा रहा भोजन, आला अधिकारियों ने साधी चुप्पी

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-11 08:47 GMT
मीड डे मील में घटिया क्वालिटी का दिया जा रहा भोजन, आला अधिकारियों ने साधी चुप्पी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूलों में निकृष्ट गुणवत्ता का मीड डे मील दिए जाने की अनेक शिकायतें सामने आ रही हैं, लेकिन शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। शिकायत करने वालों को गुणवत्ता की जांच किए बिना शिकायत नहीं करने का दम भरा जा रहा है। शिकायत करने वाले और कोई नहीं स्कूल के शिक्षक ही है, लेकिन अधिकारियों का निशाना बनने के डर से खामोशी अख्तियार किए हुए हैं।  सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की घटती संख्या पर रोक लगाकर विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से मध्याह्न भोजन योजना शुरू की गई है। सभी सरकारी तथा अनुदानित स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं के विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। दाल, चावल, बटाना तथा सब्जी दी जाती है। इस योजना के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। योजना की शुरुआत में महिला बचत गटों को मध्याह्न भोजन आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मध्याह्न भोजन के िलए सरकार की ओर से चावल, दाल की आपूर्ति की जाती थी। 

इंधन, सब्जी तथा भोजन बनाने वाले के लिए अनुदान दिया जाता था। फर्जी विद्यार्थी संख्या दिखाकर सरकारी अनाज और अनुदान को चपत लगाने की शिकायतें मिलने पर इसे रोक लगाने के लिए चालू शैक्षणिक वर्ष में महानगर तथा नगरपालिका व नगर पंचायत क्षेत्र में सेंट्रल किचन शेड के माध्यम से मध्याह्न भोजन आपूर्ति करने की योजना बनाई गई। नागपुर शहर में 10 सेंट्रल किचन शेड में भोजन बनाकर स्कूलों में आपूर्ति की जा रही है।

 जिले के कामठी, काटोल व हिंगना में सेंट्रल किचन शेड से मध्याह्न भोजन आपूर्ति शुरू की गई है। गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके, इस उद्देश्य से सेंट्रल किचन व्यवस्था शुरू की गई। अनेक स्कूलों में आपूर्ति किया जा रहा मध्याह्न भोजन गुणवत्ता पर खरा नहीं उतने की शिक्षकों की शिकायत है। शिक्षकों का कहना है कि शिकायत करने पर पहले गुणवत्ता की जांच कराने का दम भरकर उन्हें खामोश किया जा रहा है। 
अधिकारियों का निशाना बनने के डर से शिक्षक शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। अधिकारी उल्टे शिकायतें नहीं मिलने का दिखावा कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। ठेकेदार, शिक्षा विभाग और पोषण आहार के अधिकारियों की मिलीभगत से विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

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