दो बड़ी चोरियों के चार आरोपी गिरफ्तार, फुटेज बने अहम सुराग

बालाघाट दो बड़ी चोरियों के चार आरोपी गिरफ्तार, फुटेज बने अहम सुराग

Ankita Rai
Update: 2022-01-11 13:17 GMT
दो बड़ी चोरियों के चार आरोपी गिरफ्तार, फुटेज बने अहम सुराग

डिजिटल डेस्क, बालाघाट महज तीन दिन के भीतर एक के बाद एक बालाघाट शहरी क्षेत्र में दो बड़ी चोरियों को अंजाम देने वाले चोर अब पुलिस गिरफ्त में हैं। घटना के चार दिन बाद कोतवाली पुलिस ने सराफा और मोबाइल दुकान में हुई चोरी का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, बल्कि एक आरोपी फरार है। उक्त दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज आरोपियों तक पहुंचने में अहम कड़ी के रूप में सामने आए हैं, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिन्होंने सराफा और मोबाइल शॉप के साथ वारासिवनी क्षेत्र के ग्राम गर्रा में महीनेभर पहले ज्वलेरी दुकान में हुई चोरी की वारदात को अंजाम देना कबूल किया। आरोपी आयुष राणा पिता राजेंद्र राणा उम्र-18 निवासी आगरवाड़ा, थाना-भरवेली, राजेंद्र पिता दुखरू राणा निवासी आगरवाड़ा, भरवेली, निखिल पिता रामलाल वर्मा, उम्र-21 निवासी वार्ड-4 देवटोला और अनवर पिता अब्दुल करीम खान, निवासी छोटी खैरमाई, नैनपुर को पुलिस ने धारा 54, 380 भादंवि के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
ये सामान और राशि हुई जब्त
एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि चारों आरोपियों के पास से कुल 20 नग मोबाइल व एक नगर एचपी कंपनी का लैपटॉप जिसकी कुल कीमत लगभग 3 लाख रुपए बरामद हुए हैं। साथ ही सोने-चांदी के जेवर कुल कीमत 50 हजार तथा चोरी में प्रयोग की गई तीन मोटरसाइकिल, लोहे की सब्बल जब्त की गई है। गौरतलब है कि 3 जनवरी को गुजरी चौक बालाघाट में प्रार्थी राजेश पिता बद्री प्रसाद सोनी उम्र-50 की ज्वेलरी दुकान से लाखों के जेवर व नगदी तथा 6 जनवरी की रात कुम्हारी मोहल्ला से प्रार्थी इमरान पिता इकबाल उम्र-33 की मोबाइल दुकान से 38 नग वीवो कंपनी के मोबाइल तथा एक लैपटॉप चोरी हुआ था। 
माल छुपाने वाला पिता भी गिरफ्तार 
कोतवाली थाना प्रभारी केएस गहलोत ने बताया कि प्रार्थियों की शिकायत पर अज्ञात चोरों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लेकर चोरों की तलाश की गई थी। इसमें आयुष राणा, निखिल वर्मा तथा अनवर खान की गिरफ्तारी के साथ आरोपी आयुष राणा के पिता राजेंद्र राणा पिता दुखरू राणा की मामले में संलिप्तता पाई गई। बताया गया कि आरोपी राजेंद्र ने चोरी का माल छुपाने में सहयोग किया था, जिसके आधार पर उसे भी गिरफ्तार किया गया है।
 

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