एमपी के 80 प्रतिशत मण्डियों में किसानों को 50 हजार तक का नगद भुगतान
एमपी के 80 प्रतिशत मण्डियों में किसानों को 50 हजार तक का नगद भुगतान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भावांतर भुगतान योजना में प्रदेश की करीब 80 प्रतिशत कृषि उपज मण्डियों में किसानों को 50 हजार रुपए तक का नगद भुगतान हो रहा है। इस संबंध में आयकर विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि यदि व्यापारी कृषक से कृषि उपज की खरीदी के एवज में उसे रुपए 50 हजार तक का नगद भुगतान करता है तो इस नगद व्यवहार/नगद लेन-देन को आयकर अधिनियम-1961 एवं आयकर नियम-1962 का कोई उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
वर्तमान में प्रदेश की अधिकांश कृषि उपज मण्डियों में भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों को उनकी कृषि उपज की बिक्री पर रुपए 50 हजार तक का भुगतान नगद हो रहा है। प्रदेश की कुछ ऐसी मण्डियों, जहाँ अभी किसानों को रुपए 10 हजार तक का भुगतान ही नगद राशि में हो पा रहा है, में भी शीघ्र ही 50 हजार रुपए तक की राशि के नगद भुगतान के प्रयास किए जा रहे हैं। शीघ्र ही ऐसी मण्डियों में भी किसानों को 50 हजार रुपए तक का भुगतान नगद राशि में होने लगेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 257 मण्डी में भावांतर भुगतान योजना में किसानों की उपज की खरीदी का कार्य जारी है।
भावांतर भुगतान योजना
भावांतर भुगतान योजना में 8 फसलों को शामिल किया गया है। योजना में 19 लाख 7 हजार 510 रजिस्ट्रेशन किए गए हैं। यह रजिस्ट्रेशन 37 लाख 53 हजार 709 हेक्टेयर में बोई गई फसलों के लिए किए गए हैं। सोयाबीन के लिए 9 लाख 53 हजार 233, उड़द के लिए 5 लाख 62 हजार 333, मक्का के लिए 2 लाख 53 हजार 933, तुअर के लिए एक लाख 832, तिल के लिए 40 हजार 587, मूंगफली के लिए 36 हजार 925, मूंग के लिए 12 हजार 762 और रामतिल फसल के लिए 3,205 रजिस्ट्रेशन कराए गए हैं। योजना में अंतर की राशि किसान के बैंक खाते में जमा करवाई जा रही है। किसानों को इसकी सूचना उनके रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर दिए जाने की व्यवस्था की गई है।