जीएसटी का बड़ा फायदा : नहीं होगी कोई जांच चौकी और बैरियर

जीएसटी का बड़ा फायदा : नहीं होगी कोई जांच चौकी और बैरियर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-30 09:36 GMT
जीएसटी का बड़ा फायदा : नहीं होगी कोई जांच चौकी और बैरियर

संजय प्रकाश शर्मा, भोपाल। जीएसटी का व्यापारियों को एक बड़ा फायदा यह हुआ है कि अब उसे मार्ग में किसी जांच चौकी या बैरियर का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने 1 जुलाई से मप्र वेट अधिनियम 2002 के तहत राज्य के भीतर खोली गईं सभी जांच चौकियां और नाके (बेरियर) बंद करने के आदेश जारी कर दिये हैं। अब माल के परिवहन के दौरान मार्ग में वाणिज्यिक कर विभाग की किसी भी जांच चौकी या बेरियर का व्यापारियों को सामना नहीं करना पड़ेगा। यही नहीं अब प्रदेश में कहीं भी जीएसटी की भी कोई जांच चौकी नहीं खुलेगी।

अब वेट कार्यालय बने जीएसटी कार्यालय
इधर राज्य सरकार ने एक और नया आदेश जारी कर वेट कानून के तहत वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत खोले गये वृत्तों, संभागों, अपील कार्यालयों, परिक्षेत्रों और अन्य कार्यालयों जिसमें आयुक्त वाणिज्यिक कर मप्र का प्रशासकीय कार्यालय भी सम्मिलित है, को जीएसटी कानून के तहत कर दिया है तथा अब ये सभी जीएसटी कार्यालय के नाम से जाने जायेंगे। अब जीएसटी के लिये राज्य कर आयुक्त, राज्य कर विशेष आयुक्त, राज्य कर अपर आयुक्त, राज्य कर संयुक्त आयुक्त, राज्य कर उपायुक्त, राज्य कर सहायक आयुक्त, राज्य कर अधिकारी, राज्य कर निरीक्षक तथा कराधान सहायक कुल नौ अधिकारी होंगे।

जीएसटी वेबसाईट को घोषित किया विधिमान्य
राज्य सरकार ने जीएसटी के रजिस्ट्रीकरण को सुविधाजनक बनाने, कर का संदाय करने, विवरणियों को प्रस्तुत करने, समेकित कर की संगणना करने और बंदोबस्त व इलेक्ट्रानिक तरीके से बिल के लिये सामान्य माल और सेवा कर इलेक्ट्रानिक पोर्टल डब्ल्युडब्ल्यु डाट जीएसटी डाट जीओवी डाट इन को विधिमान्य घोषित कर दिया है। अब जीएसटी संबंधी सभी कार्यवाहियों आनलाईन इसी पोर्टल के माध्यम से होंगी। इस पोर्टल को चलाने वाली कंपनी माल और सेवा कर नेटवर्क को भी राज्य सरकार ने मान्यता प्रदान कर दी है।

  • जीएसटी लागू होने से अब प्रदेश में वाणिज्यिक कर विभाग की जांच चौकियों एवं बेरियरों की कोई आवश्यक्ता नहीं रह गई है इसीलिये इन्हें एक जुलाई से बंद कर दिया गया है। अब प्रदेश में कोई जांच चौकी या बेरियर नहीं होगा। जीएसटी की सभी कार्यवाहियों आनलाईन पोर्टल के माध्यम से होंगी।
    -एसडी रिछारिया, उप सचिव वाणिज्यिक कर विभाग मप्र

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