एमपी दौरे में अमित शाह लेंगे शिवराज सरकार के कामकाज का हिसाब

एमपी दौरे में अमित शाह लेंगे शिवराज सरकार के कामकाज का हिसाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-04 18:13 GMT
एमपी दौरे में अमित शाह लेंगे शिवराज सरकार के कामकाज का हिसाब

डिजिटल डेस्क, भोपाल। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के 18 अगस्त को राजधानी में प्रस्तावित दौरे को लेकर सत्ता और संगठन स्तर पर खासी हलचल है। वहीं सत्ता और संगठन में भी परफॉमेंस और परिणामों को लेकर बैचेनी है। BJP सूत्रों की मानें तो अमित शाह का सर्वाधिक फोकस चुनावी घोषणा पत्र पर होगा। इस घोषणा पत्र को सामने रखकर वे सवाल कर सकते हैं कि पार्टी की राज्य इकाई ने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, उनमें से कितने पूरे हुए अथवा नहीं हुए तो इसकी वजह क्या थी?

निकाय चुनाव परिणामों का भय

दूसरी तरफ सत्ता और संगठन को निकाय चुनाव परिणामों का भय भी सता रहा है, क्योंकि किसान आंदोलन के बाद हो रहे इस चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह दावा करने की स्थिति में कोई भी नहीं है। यही कारण है कि निकाय चुनाव में सत्ता और संगठन अपनी पूरी ताकत झोंके दे रहा है। दरअसल अमित शाह के यहां आगमन तक निकाय चुनाव के परिणाम आ चुके होंगे।

शाह के दौरे के दौरान समीक्षा बैठक में वे अगले साल होने जा रहे चुनाव को देखते हुए नई कार्ययोजना भी बना सकते हैं। पार्टी अध्यक्ष शाह संगठन की प्रदेश इकाई से विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी मांग सकते हैं। इसे लेकर भी समस्या यह है कि संघ के सहयोग से प्रदेश इकाई द्वारा तैयार कराया गया विधायकों का रिपोर्ट कार्ड निराशाजनक आया है।

एक सप्ताह पूर्व आएगी टीम

BJP सूत्रों की मानें तो शाह के दौरे से एक सप्ताह पूर्व ही उनकी टीम यहां मोर्चा संभाल लेगी। ये टीम उन जानकारियों को इकट्ठा करके रखेगी, जो शाह जानना चाहते हैं। वही शाह के इस दौरे मे किस-किस को उनसे मिलवाना है तथा वे किस कार्यकर्ता के यहां भोजन करेंगे, इसका निर्णय भी शाह की पर्सनल टीम ही करेगी। इतना ही नहीं शाह की पर्सनल टीम सत्ता और संगठन की कमजोर कडिय़ों की भी जानकारी शाह को देगी।

एक लाख कार्यकर्ताओं को "एडजस्ट" करने का काम

शाह के यहां आगमन से पूर्व प्रदेश इकाई ने एक लाख कार्यकर्ता को "एडजस्ट" करने का काम भी शुरू कर दिया है। वहीं आनन-फानन में मोर्चा प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी भी घोषित की जा रही है। अन्त्योदय समितियों का गठन कर उनमें कार्यकर्ताओं को "एडजस्ट" किया जा रहा है। वहीं सांसद विधायकों का परफार्मेस भी आंका जा रहा है। सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों की स्थिति का भी आंकलन हो रहा है।

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