मंत्रिमंडल को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) 2019-20 की प्रगति से अवगत कराया गया!

मंत्रिमंडल को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) 2019-20 की प्रगति से अवगत कराया गया!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-03-24 08:42 GMT
मंत्रिमंडल को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) 2019-20 की प्रगति से अवगत कराया गया!

डिजिटल डेस्क | मंत्रिमण्‍डल मंत्रिमंडल को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) 2019-20 की प्रगति से अवगत कराया गया| प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वित्‍त वर्ष 2019-20 में राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई जिसमें मातृत्‍व मृत्‍यु दर (एमएमआर), शिशु मृत्‍यु दर (आईएमआर), 5 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों की मृत्‍यु दर (यू5एमआर) और कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में हुई कमी की जानकारी दी गई। बैठक में विभिन्‍न रोगों – टीबी, मलेरिया, काला-जार, डेंगू, कुष्‍ठ रोग और विषाणुजनित हैपेटाइटिस के उन्‍मूलन से संबंधित कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी दी गई।

विवरण: मंत्रिमंडल को इस बात की जानकारी दी गई कि एनएचएम ने 2019-20 में नए प्रयासों की संभावनाओं पर जोर दिया है: बच्‍चों में दमे से होने वाली मौतों की संख्‍या में कमी लाने की दिशा में सामाजिक जागरूकता एवं कार्रवाई संबंधी कार्यक्रम (एसएएएनएस) प्रयास को शुरू किया गया। सुरक्षित मातृत्‍व आश्‍वासन (सुमन) पहल को गर्भवती महिलाओं के लिए शुरू किया गया ताकि उन्‍हें सम्‍माजनक और गुणवत्‍तापूर्ण नि:शुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रदान की जाएं और इसमें किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जाए। इस योजना में मातृत्‍व और नवजात शिशु संबंधी वर्तमान योजनाओं को शामिल किया गया है। मिडवाइफरी सेवाएं पहल का उद्देश्‍य प्रसव कराने के लिए बेहतर प्रशिक्षित नर्सों को तैयार करना है, जिसमें इंटरनेशनल कॉन्‍फेडरेशन ऑफ मिडवाइव्‍ज (आईसीएम) के दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है।

इस प्रकार से प्रशिक्षित दाईयां महिलान्‍मुखी, प्रजनन संबंधी, मातृत्‍व एवं नवजात शिशु स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सेवाओं को प्रदान करने में समर्थ हैं। शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी कार्यक्रम के तहत स्‍कूली स्‍वास्‍थ्‍य एवं स्‍वास्‍थ्‍य एंबेसडर पहल शुरू की गई है ताकि स्‍कूली बच्‍चों में सक्रिय जीवन-शैली को प्रोत्‍साहित करते हुए उन्‍हें बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए प्रेरित किया जा सके। क्रियान्‍वयन रणनीति एवं लक्ष्‍य: क्रियान्‍वयन रणनीति: राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय की क्रियान्‍वयन रणनीति का उद्देश्‍य सभी राज्‍यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को वित्‍तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करना है, ताकि वे जिला स्‍तर पर खासतौर से गरीबों एवं अन्‍य वर्गों को आसानी से पहुंच, वहनीय, जवाबदेह और प्रभावी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा उपलब्‍ध करा सकें।

इस पहल का उद्देश्‍य ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में कमी के अंतर को स्‍वास्‍थ्‍य आधारभूत ढांचे में सुधार, मानव संसाधनों के कौशल में बढ़ोतरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं की आपूर्ति में सुधार करना है। इसमें जरूरत आधारित, विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग और संसाधनों के प्रभावी इस्‍तेमाल पर जोर दिया गया है। लक्ष्‍य: एमएमआर में कमी करते हुए इसे 1/1000 जीवित जन्‍मदर तक लाना आईएमआर में कमी करते हुए इसे 25/1000 जीवित जन्‍मदर तक लाना टीएफआर को कम करते हुए 2.1 स्‍तर तक लाना कुष्‍ठ रोग के प्रसार में कमी करते हुए इसे 1/10000 व्‍यक्ति से कम करना और सभी जिलों में शून्‍य स्‍तर पर लाना मलेरिया से प्रतिवर्ष होने वाली मौतों को 1/1000 से कम करना संक्रामक, गैर-संक्रामक रोगों, विभिन्‍न प्रकार की चोटों और अन्‍य उभरते रोगों के कारण होने वाली मौतों और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी व्‍याधियों में कमी लाने के प्रयास करना स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल पर होने वाले खर्च को प्रति परिवार के अनुसार कम करना देश में वर्ष 2025 तक तपेदिक (टीबी) की महामारी को समाप्‍त करना रोजगार सृजन संबंधी क्षमताओं समेत अन्‍य प्रभाव: वर्ष 2019-20 में एनएचएम के क्रियान्‍वयन से 18,779 अतिरिक्‍त मानव संसाधनों को इसमें जोड़ा गया जिसमें जीडीएमओ, विशेषज्ञ, एएनएम, स्‍टाफ नर्स, आयुष चिकित्‍सक, पैरामैडिक्‍स, आयुष पैरामैडिक्‍स, कार्यक्रम प्रबंधन स्‍टाफ और जन स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधकों को संविधा आधार पर भर्ती किया गया। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के 2019-20 में क्रियान्‍वयन से जन स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली को और मजबूती मिली है और इसमें कोविड महामारी से निपटने में प्रभावी और समन्वित तरीके से काम किया है। भारत में 5 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों (यू5एमआर) की मृत्‍युदर 2012 के 52 के मुकाबले 2018 में 36 पर आ गई है। वर्ष 1990 से 2012 के दौरान इस आयु वर्ग के बच्‍चों की मौतों की वार्षिक प्रतिशत दर 3.9 प्रतिशत थी जो 2013-2018 की अवधि में 6.0 प्रतिशत दर्ज की गई है।

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