कमीशनखोरी में लिप्त महापौर को कैसे सौंप दिए वित्तीय अधिकार? : कांग्रेस

कमीशनखोरी में लिप्त महापौर को कैसे सौंप दिए वित्तीय अधिकार? : कांग्रेस

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-13 14:57 GMT
कमीशनखोरी में लिप्त महापौर को कैसे सौंप दिए वित्तीय अधिकार? : कांग्रेस

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने पिछले दिनों कमीशनखोरी को लेकर ऑडियो वायरल होने की जद में आए सागर महापौर अभय दरे को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने अभय दरे को नगरीय प्रशासन विभाग और स्वयं भाजपा द्वारा कराई जा रही जांच के निष्कर्ष आने के पहले ही उन्हें वित्तीय अधिकार पुन: सौंप दिए जाने के सरकारी निर्णय पर आपत्ति जताई है। उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर बहुप्रचारित "जीरो टॉलरेंस" की दुहाई देने वाली राज्य सरकार की इस घोर आपत्तिजनक कार्रवाई को लेकर उसे घेरते हुए यह भी पूछा है कि सागर महापौर के खिलाफ हो रही जांच क्या नस्तीबद्ध हो चुकी है, यदि नहीं तो जांच के निष्कर्ष आने के पहले उन्हें वित्तीय अधिकार सौंपे जाने को लेकर सरकार की कौन सी मजबूरी थी, या राजनैतिक दबाव?

केके मिश्रा ने कहा है कि समूचे प्रदेश में सर्वत्र फैले भ्रष्टाचार और इसे लेकर देश में दूसरे नंबर का दर्जा प्राप्त MP में सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार को लेकर "जीरो टॉलरेंस", भ्रष्ट कर्मचारियों-अधिकारियों को "उल्टा लटकाने" की बातें लगातार कह रहे हैं, विभिन्न विभागों के अधिकारियों के यहां आयकर, लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू जैसी संस्थाओं द्वारा डाले जा रहे छापों में करोड़ों रूपयों की अकूत चल-अचल संपत्तियां उजागर हो रही हैं, उसके बावजूद गत् 21 फरवरी को सागर नगर निगम के एक ठेकेदार के बीच भुगतान को लेकर कमीशनखोरी का ऑडियो वायरल होने की जद में आये सागर महापौर को मात्र 6 माह की भीतर क्लीनचिट देते हुए वित्तीय अधिकार भी सौंप देना किस "जीरो टॉलरेंस" को सार्थकता प्रदान कर रहा है?

मिश्रा ने कहा है कि एक ओर भाजपाई विचारधारा को समर्पित राज्य सरकार भ्रष्टाचार के आरोप में दलित महिला IAS को लेकर बर्खास्तगी जैसा कदम उठाती है, वहीं दूसरी ओर अपनों को मात्र 6 माह में जांच पूरी कर ईमानदारी का प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें आगे भी भ्रष्टाचार करने के लिए प्रोत्साहित और CM के हाथों सम्मानित भी किया जाता हो, भ्रष्टाचार जैसे राष्ट्रव्यापी कलंक को लेकर राज्य सरकार का यह दोहरा आचरण क्यों? क्या भ्रष्टाचार को लेकर PM नरेन्द्र मोदी के ""ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा" तथा CM शिवराज सिंह चौहान के "जीरो टॉलरेंस" और उल्टा लटकाये जाने के शाब्दिक जुमले की लोकतंत्र में यही हकीकत है?

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