बाजार में आते ही खत्म हो रहा मौसमी मशरूम, महंगा होने पर पहली पसंद

बाजार में आते ही खत्म हो रहा मौसमी मशरूम, महंगा होने पर पहली पसंद

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-16 08:57 GMT
बाजार में आते ही खत्म हो रहा मौसमी मशरूम, महंगा होने पर पहली पसंद

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। मौसमी सब्जियों में बारिश के दिनों में अधिकांश शाकाहारी लोगों की पहली पसंद मशरुम होता है। वैसे तो गोंदिया के बाजार में मशरूम बिक्री के लिए बड़े पैमाने पर आ रही है, लेकिन उसकी कीमत आसमान छू रही है। जिसकी वजह से केवल पैसे वाले लोग ही इसे खरीद पा रहे हैं। बाजार में एक हजार रुपए किलो की दर से मशरूम बिक रही है। मांग अधिक एवं मशरूम कम होने से कुछ ही पल में इसकी खपत हो जाती है। मशरूम खरीदने वालों की भारी भीड़ बाजार में माल आते ही हो जाती है। 

आते ही खत्म हो जाता है 
उल्लेखनीय है कि  आज कल आर्टिफिशियल मशरूम वैसे तो वर्ष भर उपलब्ध रहते हैं। लेकिन प्राकृतिक मशरूम की  बात ही कुछ अलग होती  है। इसलिए शहरवासियों को प्रतिवर्ष बारिश के दिनों में प्राकृतिक मशरूम का ही इंतजार रहता है। अनेक पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण मशरूम बाजार में उपलब्ध होते ही ग्राहकों की भीड़ दिखाई देने लगी है। हजार रुपए दाम होने होने के बावजूद भी मशरूम लोगों की पसंद बना हुआ है। इसके शौकीनों के भीड़ देखकर इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है।

उत्पादन अधिक होने की संभावना
मध्यप्रदेश के रजेगांव क्षेत्र से आए विक्रेताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष प्राकृतिक मशरुम का उत्पादन अधिक हो सकता है। क्योंकि उचित समय पर बारिश होने से मशरूम का उत्पादन अधिक होता है। खरीदारों की माने तो हजारों वर्षों से मशरूमों की उपयोगिता भोजन और औषधि दोनों ही रूपों में हो रहा है। पोषण का भरपूर स्त्रोत एवं स्वास्थ्यवर्धक होने से अधिकांश लोग इसे अधिक पसंद करते है।

लोगों की मांग मशरुम के प्रति अधिक होने की बात को ध्यान में रखते हुए आज के दौर में अप्राकृतिक मशरुम का उत्पादन भी किया जा रहा है, लेकिन प्राकृतिक मशरुम का स्वाद  कुछ और ही है। यही वजह है कि लोग सस्ती अप्राकृतिक मशरूम की जगह प्राकृतिक मशरूम लेने की ओर अधिक रूचि ले रहे हैं।

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