मराठी में डीपी प्रकाशित करने की मांग को लेकर विखे पाटील पहुंचे हाईकोर्ट

मराठी में डीपी प्रकाशित करने की मांग को लेकर विखे पाटील पहुंचे हाईकोर्ट

Tejinder Singh
Update: 2018-06-21 16:05 GMT
मराठी में डीपी प्रकाशित करने की मांग को लेकर विखे पाटील पहुंचे हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बृहन्मुंबई विकास योजना 2034 के अंतर्गत तैयार किए गए विकास प्रारुप (डीपी) को मराठी भाषा में उपलब्ध  कराए जाने की मांग को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता राधा कृष्ण विखे पाटील ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पिछले महीने  विकास नियंत्रण नियमावली के तहत विकास प्रारुप को प्राकाशित किया था और 23 जून तक इस पर लोगों के सुझाव व अपत्तियां मगांई थी। 

याचिका में पाटील ने दावा किया है कि डीपी की भाषा कठीन अंग्रेजी में  है। जिसे आम लोगों के लिए समझ पाना बेहद मुश्किल है। ऐसे में जब लोग डीपी को समझेगे ही नहीं तो उस पर अपनी आपत्ति व सुझाव कैसे भेजेंगे। इसलिए विकास प्रारुप को मराठी भाषा में भी प्रकाशित किया जाए ताकि लोग उसे आसानी से समझ सके। डीपी पर अपने सुझाव व आपत्ति भेजने की समय सीमा खत्म होने को है लेकिन डीपी को मराठी भाषा में जारी करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। राजाभाषा अधिनियम के तहत सभी शासकीय काम मराठी भाषा में होने चाहिए। फिर भी  सरकार ने विकास प्रारुप मराठी में नहीं प्रकाशित किया है। 

याचिका में पाटील ने मांग की है कि सरकार को विकास प्रारुप से जुड़े दास्तवेज को लेकर तैयार की जानेवाली डीपी रिपोर्ट व डीपी शीट्स मराठी भाषा में प्रकाशित करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में राज्य के नगर विकास विभाग की ओर से जारी एक परिपत्र का भी उल्लेख किया गया है। जिसमे  विकास प्रारुप मराठी में प्रकाशित करने की बात कही गई है।
 

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