मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बावजूद जेपी के अधिकारियों पर पुलिस मेहरबान - अभी तक नहीं किया गया मामला दर्ज

 मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बावजूद जेपी के अधिकारियों पर पुलिस मेहरबान - अभी तक नहीं किया गया मामला दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-21 12:33 GMT
 मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बावजूद जेपी के अधिकारियों पर पुलिस मेहरबान - अभी तक नहीं किया गया मामला दर्ज

-जेपी मझौली के बड़े अधिकारियों पर इंजीनियर व युवती ने लगाए थे गंभीर आरोप
-हाईप्रोफाइल मामले को दबाने में जुटे बरगवां टीआई
- जांच व बयान दर्ज कराने के नाम पर गुजार दिये 10 दिन
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ) ।
जेपी मझौली कोल ब्लॉक के अधिकारियों से जुड़े मामले में बरगवां पुलिस पर दोहरा मापदंड का लग रहा आरोप अब सही साबित होने लगा है। 10 दिन पहले थाने में पीडि़ता युवती व इंजीनियर द्वारा शिकायत करने के बावजूद आरोपी अधिकारियों के विरूद्ध बरगवां पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है। पुलिस की माने तो इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट भी आ गई है। जिसमें चोट के आरोपों को सही दर्शाया गया है। इसके बावजूद आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई न होना बरगवां थाना पुलिस को कटघरे में खड़ा करने के लिए मजबूर कर रहा है। हैरत करने वाली बात यह है कि बरगवां टीआई नागेंद्र सिंह 10 सितम्बर को भी यही कहते हुए नजर आये थे कि युवती का बयान दर्ज करने की कोशिश की जा रही है। वहीं इंजीनियर मामले में आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई अवश्य की जाएगी। लेकिन उनकी कार्रवाई केवल बयानों तक सीमित रही है। उधर पुलिस द्वारा कार्रवाई न किये जाने से पीडि़त युवती व इंजीनियर की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। लेकिन शायद बरगवां पुलिस को इससे कोई फर्क पड़ता। क्योंकि पुलिस की पहली प्राथमिकता बड़े अधिकारियों का बचाना है।
गांजा का हरा पेड़ या दो-चार लीटर हाथ भ_ी शराब यदि किसी गरीब आरोपी के पास पुलिस को मिल जाता है तो पूरा पुलिस फोर्स अपना गुडवर्क दिखाने में जुट जाता है। आरोपियों को मीडिया के सामने खड़ा कर फोटो सेशन कराया जाता है। छोटे से विवाद में पूरे घर को और नाते रिश्तेदारों को धमकाते हुए थानों में लाने कोई गुरेज नहीं किया जाता लेकिन बात जब किसी हाईप्रोफाइल लोगों से जुड़ा होता है तब पुलिस कार्रवाई करने का विचार ही करती रहती है। 
यह है मामला
पीडि़त इंजीनियर ने थाने में शिकायती पत्र दिया था कि जेपी पावर वेंचर लिमिटेड अमिलिया नार्थ कोल ब्लॉक मझौली के एचआर हेड नीरज श्रीवास्तव व ज्वाइंट डायरेक्टर रजनीश गौड़ ने बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की है। इसके बाद जबरिया उससे इस्तीफा लिखावा लिए हैं। इनकी प्रताडऩा से पहले ही मैं मानसिक रूप से बीमार हो गया था। अब स्थिति और बिगड़ गई है। नौकरी जाने से पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। वहीं युवती ने भी मीडिया में अधिकारियों पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। जिसमें पुलिस ने उसका बयान तक दर्ज नहीं कर पाई है।
हर बार एक ही बात दोहराते हैं बरगवां टीआई
10 सितम्बर- बरगवां टीआई ने कहा था कि दोनों अधिकारियों के विरूद्ध इंजीनियर व युवती के अलावा अन्य लोगों ने भी शिकायत की है। जांच की जा रही है। मेडिकल व बयान दर्ज होने पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
12 सितम्बर- इंजीनियर युवक का बयान दर्ज कर लिया गया है। मेडिकल भी आज करा दिया गया है। शीघ्र ही इस प्रकरण पर कार्रवाई की जाएगी।
14 सितम्बर- कार्य की अधिकता के कारण जांच पूरी नहीं हो पा रही है। महिला ने अभी बयान दर्ज नहीं कराये है। जांच पूरी होते ही कार्रवाई की जाएगी।
इनका कहना है-
इस मामल में टीआई बरगवां जांच कर रहे हैं। वैसे मैं उनसे बात करके पूछता हूं कि  जांच कहां तक पहुंची है। फिर अपडेट दे पाऊंगा।
- बीरेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक सिंगरौली
 

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