एसएआई लखनऊ में चल रहे महिला कुश्ती कैंप में स्वच्छता और सुरक्षा के विस्तृत मानकों को अपनाया गया है

एसएआई लखनऊ में चल रहे महिला कुश्ती कैंप में स्वच्छता और सुरक्षा के विस्तृत मानकों को अपनाया गया है

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-17 09:46 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय महिला कुश्ती टीम के लिए राष्ट्रीय कैंप 10 अक्टूबर से एसएआई लखनऊ में शुरू हुआ। इस साल मार्च में कोरोनावायरस लॉकडाउन लागू होने के बाद से महिला पहलवानों के लिए यह पहला प्रशिक्षण कैंप है। खिलाड़ी लखनऊ आ गए हैं और वे अपना व्यक्तिगत प्रशिक्षण शुरू करने से पहले, सात दिनों तक क्वारंटाइन में रहेंगे। कैंप 10 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक निर्धारित है और इसमें 16 पहलवान और 4 सहायक कर्मचारी शामिल होंगे। कैंप में भाग लेने वाले एसएआई, लखनऊ की आवासीय सुविधाओं में रहेंगे। पहलवानों को प्रशिक्षित करने तथा एथलीटों, सेवा प्रदाताओं और कार्यालय आगंतुकों के लिए एसएआई, लखनऊ परिसर को बायो-बबल बनाया गया है एवं इसके लिए सुरक्षा की विस्तृत सावधानियां बरती जा रही हैं, ताकि कोविड-19 के अनजाने प्रसार को रोका जा सके। इसके लिए ग्रीन ज़ोन, यलो ज़ोन और रेड ज़ोन के रूप में कलर कोडिंग की गयी है। सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखने के लिए, लक्षणों को ध्यान में रखते हुए सभी आगंतुकों की जांच की जाएगी। भारतीय महिला कुश्ती टीम के मुख्य कोच श्री कुलदीप मलिक ने कहा, “कुश्ती भारत में एक महत्वपूर्ण खेल है और इसे किसी भी समय शुरू किया जाना था। कोरोनोवायरस की वजह से सावधानियों के कारण, प्रशिक्षण के पहले सप्ताह में हम सामाजिक दूरी बनाए रखेंगे और इसके बाद हम नियमित प्रशिक्षण शुरू करेंगे। रविवार तक सभी को कोविड की रिपोर्ट मिल जाएगी और उम्मीद है कि यह नेगेटिव आएगी, इसलिए हमें विश्वास है कि नियमित प्रशिक्षण शुरू हो जायेगा।” श्री मलिक ने आगे कहा कि दिसंबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में उन्हें उम्मीद है कि भारत अपने सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका के साथ वापस आएगा। कैंप में भाग लेने वालों के लिए ठहरने की व्यवस्था इलीट हॉस्टल में की गयी है, जहां सभी सुविधाएं तथा सुरक्षा के इंतजाम मौजूद हैं। एथलीटों की नियमित निगरानी के लिए उनके तापमान व ऑक्सीजन स्तर की रिपोर्ट की जा रही है। 2018 विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता और 2019 की अर्जुन पुरस्कार पाने वाली पूजा ढांडा ने कहा, “कमरे में सुविधाएं बहुत अच्छी हैं और हमें सब कुछ प्रदान किया जा रहा है। हम वास्तव में अनुभव करते हैं कि हम राष्ट्रीय कैंप में हैं। हमें अपने भोजन और मेनू के बारे में सुबह में दैनिक अपडेट मिल रहे हैं। सब कुछ बहुत ही अच्छा और व्यवस्थित है और यहां का भोजन बहुत अच्छा है। वर्तमान सुविधाओं के साथ, हम वास्तव में अच्छा महसूस कर रहे हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। ” परिसर में भोजन की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है ताकि यह बिना किसी संपर्क के एथलीटों और सहायक कर्मचारियों तक पहुंच सके। ग्रीन ज़ोन में पहुंच वाले सभी कर्मियों का कोविड परीक्षण किया गया है। भोजन तैयार करने और इसका रख-रखाव करने वाले लोग परिसर में ही रहते हैं। भारत ने अब तक महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में विनेश फोगट के माध्यम से महिलाओं की कुश्ती के लिए एक ओलंपिक कोटा जीता है। अगले साल दो और क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट -एशियन क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट और वर्ल्ड क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट होने वाले हैं, जहां भारत को शेष पांच महिला कुश्ती स्पर्धाओं में ओलंपिक कोटा जीतने का मौका मिलेगा।

Similar News