धर्मशाला: प्रदेश के गैरिएट्रिक डे केयर केंद्रों और संडे एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को भारत में उत्कृष्ट सेवाओं में मिला स्थान

धर्मशाला: प्रदेश के गैरिएट्रिक डे केयर केंद्रों और संडे एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को भारत में उत्कृष्ट सेवाओं में मिला स्थान

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-01-07 08:22 GMT
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डिजिटल डेस्क, धर्मशाला। प्रदेश के गैरिएट्रिक डे केयर केंद्रों और संडे एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को भारत में उत्कृष्ट सेवाओं में मिला स्थान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य मिशन डायरेक्टर डाॅ. निपुण जिंदल ने आज यहां बताया कि भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं में गुड रेेप्लिकेबल प्रेक्टिसिज और नवाचार पर वर्चुअल माध्यम से एक राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के दो नवाचार यानी तीन वृद्धजन देखभाल केंद्रों का संचालन और संडे क्षय रोग एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को देशभर में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए चुना गया है। निपुण जिंदल ने कहा कि एनएचएम ने हेल्थ एज इंडिया की सहभागिता से प्रदेश के शिमला, मंडी और धर्मशाला जिलों में तीन वृद्धजन देखभाल केंद्र खोले हैं, जिनका शुभारंभ 21 अगस्त, 2019 को अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के दौरान किया गया। ये केंद्र इन जिलों के वरिष्ठ नागरिकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खोले गये हैं। ये केंद्र स्वास्थ्य देखभाल, कौशल निर्माण, कानूनी सहायता और परामर्श, गतिविधि आधारित शारीरिक और मानसिक व्यस्तता और मनोरंजक गतिविधियों सहित एक ही छत के नीचे विभिन्न सेवाओं की व्यापक सुविधा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर, 2020 तक इस सेवा से 25,000 से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हुए, जिनमें लगभग 15,000 बुजुर्ग शामिल हैं, जिन्होंने फिजियोथेरेपी ली। लगभग 2,500 लोग वरिष्ठजनों की विभिन्न स्वास्थ्य शिविरों में जांच की गई। उन्होंने बताया कि राज्य में नवाचार लागू होने के बाद से, क्षय रोग के लक्षणों के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 56,81,115 लोगों की मौखिक रूप से जांच की गई है और 12018 बलगम के नमूने एकत्रित किए गए हैं। एकत्रित किए गए बलगम के नमूनों में से 2.28 प्रतिशत लोग पाॅजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा, ऊना और मंडी में बलगम की सैंपल की जांच करने और टीबी रोग के निदान में की गई पहल में अग्रणी जिले हैं। उन्होंने बताया कि यह गतिविधि राज्य में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उत्प्रेरक साबित हो रही है।

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