एक सनकी डॉक्टर की अनोखी करतूत, बच्चे का इलाज करने आई महिला को धमकाया

एक सनकी डॉक्टर की अनोखी करतूत, बच्चे का इलाज करने आई महिला को धमकाया

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-12 11:24 GMT
एक सनकी डॉक्टर की अनोखी करतूत, बच्चे का इलाज करने आई महिला को धमकाया

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (बैढ़न)। जिला अस्पताल में पदस्थ्य शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर देवेन्द्र सिंह की अजीबो-गरीब हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही है और मंगलवार को उनकी इसी हरकत का  शिकार एक एक महिला हुई। दरअसल, इंदूमती नाम की महिला अपने बच्चे का इलाज कराने अस्पताल की ओपीडी में डॉ देवेन्द्र के पास आई थी। यहां डॉक्टर ने महिला से  पहले अपना ही नाम पूछा और जब महिला, चिकित्सक का नाम नहीं बता पाई तो डॉक्टर ने उससे कहा कि यहां से भाग जाओ। डाक्टर के सनकीपन हद तब हो गई जब उसने महिला से कहा कि जब तुम मेरा नाम नहीं बता पायी तो मैं तुम्हारे बच्चे को नहीं देखूंगा। अगर ज्यादा बोलोगी तो गार्ड को बुलाकर बाहर फिकवा दूंगा।

इतना सुनते ही महिला का गुस्सा फूट पड़ा और वह भड़क उठी। महिला चीखते-चिल्लाते हुए डॉ देवेन्द्र को बोली, तुम डॉक्टर कहलाने के लायक नहीं हो। यहां मरीजों का इलाज करने बैठे हो कि उनसे अपना पूछने के लिए। नहीं, जानती मैं तुम्हारा नाम और न ही जानना चाहती हूं। जहां पर्ची कटाई वहां से बताया गया था कि कमरा नंबर 10 में बच्चों के डॉक्टर बैठते हैं, इसलिए यहां चली आई थी। लेकिन चाहे जो हो जाए मैं तो तुमसे अपने बच्चे का इलाज नहीं कराने वाली। इसके बाद भी डॉ देवेन्द्र का रवैया नहीं बदला और उनकी हरकत से मामला काफी गंभीर हो गया। गनीमत रही मौके पर मौजूद लोगों ने स्थिति को संभाला।



महिला के शांत होने के बाद वहां मौजूद अन्य मरीज भी भड़क गए। मरीजों का आरोप था कि यह वही डॉक्टर है जो नाम नहीं बताने पर मरीजों से बदसलूकी करता है और पर्ची में पीछे तरफ अपना फोन नंबर लिख कर फोन करने को कहता है।

CS ने डॉक्टर को थमाया नोटिस
डॉक्टर देवेन्द्र की शिकायत लेकर पीड़ित महिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ केएल पांडेय के पास पहुंची। उसने पूरा मामला उन्हें बताया, जिसके बाद डॉ पांडेय ने दूसरे शिशु रोग चिकित्सक के पास महिला को बच्चे का इलाज कराने भेजा। इसके बाद उन्होंने डॉ देवेन्द्र सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि उनके द्वारा पहले भी ऐसी हरकते की जाती रही हैं। इससे अस्पताल से लेकर डॉक्टरों की छवि भी धूमिल होती है। ऐसा कृत्य अनुशासनहीनता के श्रेणी में आता है। गौरतलब है कि गत दिवस एडीएम के निरीक्षण दौरान भी डॉक्टर देवेन्द्र पर ही एक महिला ने आरोप गलाया था कि वह 200 रूपये फीस ले रहे हैं और घर पर दिखाने को बोल रहे हैं।

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