डॉ. हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के 147वें सत्र की अध्यक्षता की स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में वैश्विक साझेदारी और निवेश को रेखांकित किया

डॉ. हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के 147वें सत्र की अध्यक्षता की स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में वैश्विक साझेदारी और निवेश को रेखांकित किया

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-17 08:52 GMT
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डिजिटल नई दिल्ली। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय डॉ. हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के 147वें सत्र की अध्यक्षता की स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में वैश्विक साझेदारी और निवेश को रेखांकित किया ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के बिना कोई बेहतर भविष्य नहीं है: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता की। उनका अध्यक्षीय भाषण इस प्रकार हैं: डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के गणमान्य सदस्य माननीय मंत्रियों, महानुभाव और अन्य सदस्य राज्य प्रतिनिधि महानिदेशक-डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक, अन्य क्षेत्रों के क्षेत्रीय निदेशक, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, सहयोगी संगठनों के प्रमुख और प्रतिनिधि भाइयों, बहनों और दुनिया भर में स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं! आज, हम एक बार फिर डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के 147वें सत्र के लिए वर्चुअल माध्यम से मिल रहे हैं। मैं आज आप सभी का उस समय स्वागत कर रहा हूं, जब हम सभी जानते हैं कि अभूतपूर्व समय है। और फिर भी, मैं कहूंगा कि 2020 सहयोगी कार्रवाई का वर्ष रहा है। मानव जाति पहले से ही अत्यधिक चुनौतियों से जूझ रही थी- गरीबी, भूख, असमानता, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, हिंसा, युद्ध, रोग और अब महामारी जिसने हमें मर्म तक हिला दिया है। लेकिन हम दुनिया के राष्ट्रों के रूप में एक साथ आए क्योंकि हमने चुना कि हम व्याकुल न हों। हम आशावाद को चुनते हैं और हासिल करने के लिए संघर्ष करते हैं। हम बेहतर भविष्य चुनते हैं। सभी के लिए स्वास्थ्य के बिना कोई बेहतर भविष्य नहीं है। एक सबक जो हम जानते थे और एक सबक जो हमने अब सीखा है। भारत में, हम आयुष्मान भव के रूप में एक दूसरे को आशीर्वाद देते हैं, जिसका अर्थ है कि आप लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकें, जो कि स्वयं जीवन और अस्तित्व का सार है, यह स्वयं हमारे संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन का सार है - जो हम सभी को एक साथ बांधता है और यही वजह है कि हम सब आज एक साथ हैं। डब्ल्यूएचओ के सभी सदस्य राज्य समान दर्शन साझा करते हैं: स्वास्थ्य सबसे ऊपर है। यहां का प्रत्येक सदस्य राष्ट्र मुझसे सहमत होगा कि परिस्थितियों में, मानव जाति ने अपने विरोधियों को सहयोग के साथ और संसाधनों को साझा करके एक दूसरे के पूरक प्रयासों पर विजय हा​सिल की है। हम डब्ल्यूएचओ में इस सिद्धांत को मानते हैं कि स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्य मानक का आनंद हर इंसान के मौलिक अधिकारों में से एक है, जो जाति, धर्म, राजनीतिक विश्वास, आर्थिक या सामाजिक स्थिति के भेद के बिना है। इसलिए, हम सदस्य राज्यों, संगठन और सार्वजनिक स्वास्थ्य दायित्वों के कुशल, प्रभावी और उत्तरदायी निर्वहन के लिए भागीदारों का वैश्विक समुदाय के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महामारी ने स्वास्थ्य प्रणालियों की मजबूती और तैयारियों की अनदेखी के परिणामों के बारे में मानव जा​​ति को गंभीरता से अवगत कराया है। वैश्विक संकट के ऐसे समय में, जोखिम प्रबंधन और न्यूनीकरण दोनों को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में सरोकार और निवेश को फिर से मज़बूत करने के लिए वैश्विक साझेदारी को और मजबूत बनाने की आवश्यकता होगी। मुझे यकीन है कि प्रत्येक सदस्य राज्य के साथ हमारा निरंतर जुड़ाव, एक-दूसरे के साथ-साथ सभी हितधारकों के साथ उनका इंटरफेस सुधारों को सुदृढ़ करेगा और संसाधनों के सबसे अधिक उत्पादक, कुशल और लक्षित उपयोग के साथ सतत विकास लक्ष्यों और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में प्रगति को गति देने में मदद करेगा। भारत का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, मैं यहां उल्लेख करना चाहूंगा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र और भारत स्वास्थ्य सेवाओं, उनकी पहुंच, वितरण और गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। हमने सहयोगी कार्रवाई के माध्यम से सभी क्षेत्रीय फ्लैगशिप प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सफलताओं को देखा है। हम बहस, तकनीकी सहयोग, अनुसंधान, नवाचारों, डिजिटल स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवाओं और उच्च गुणवत्ता वाली आवश्यक दवाओं और उत्पादों की पहुंच क्षमता में सुधार लाने के उद्देश्य से क्षेत्रीय और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों में योगदान करना जारी रखेंगे। महानुभाव, इस महामारी ने 13 लाख से अधिक मूल्यवान जीवन को लील लिया है। लाखों लोगों को संक्रमित किया है और अरबों की आजीविका छीन ली है।

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