डॉ. हर्षवर्धन ने भारत-स्वीडन हेल्थकेयर नवाचार केंद्र के वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता की"

डॉ. हर्षवर्धन ने भारत-स्वीडन हेल्थकेयर नवाचार केंद्र के वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता की"

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-12-03 09:23 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय डॉ. हर्षवर्धन ने भारत-स्वीडन हेल्थकेयर नवाचार केंद्र के वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता की "नीति निर्माताओं, शिक्षा जगत और उद्योग का समावेशन नवाचार के क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभाएगा" "कोरोना केबाद हुए स्वास्थ्य संबंधी समझौते के अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा : हम अकेले काम नहीं कर सकते, हमें वैश्विक स्तर पर एक अद्भुत और प्रभावशाली तालमेल बनाना होगा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भारत-स्वीडन मेमोरियल सप्ताह के अंतर्गत आज भारत-स्वीडन हेल्थकेयर नवाचार केंद्र के वार्षिक सम्मेलन–‘हैल्थ टॉक्स’ की अध्यक्षता की। डॉ. हर्षवर्धन ने दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य के क्षेत्र में लंबे समय से जारी सहयोग और समर्थन की याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2019 में दोनों देशों के इस सहयोग के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया था। उन्होंने कहा कि “वर्ष 2019 भारत-स्वीडन हेल्थकेयर नवाचार केन्द्र के उद्घाटन समारोह का जश्न हम सभी को याद है, जिसका उद्घाटन स्वीडन के राजा सोलहवें गुस्ताफ ने किया था।” दोनों देशों के बीच सहयोग के बहु-हितधारक रिश्तों में बदलने पर अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि “नीति निर्माताओं, शिक्षा जगत और उद्योग का समावेशन नवाचार के क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में किए जा रहे सकारात्मक प्रयास और तालमेल का मुझे बेसब्री से इंतज़ार है।” कोविड के बारे में बोलते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, पिछले 10 महीनों के दौरान पूरी दुनिया के सामने चुनौती पैदा करने वाले कोविड के बारे में चर्चा किए बिना स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में कोई भी चर्चा पूरी नहीं हो सकती। हालाँकि प्रत्येक चुनौती हमारे लिए सीखने के कुछ अवसर भी लेकर आती है। इस वैश्विक चुनौती ने हमें सिखाया है कि चुनौतियों को साझा करने के साथ-साथ हमें ज़िम्मेदारियों के स्तर पर भी साझा प्रयास करने चाहिए। आपसी सहयोग और तालमेल आज समय की ज़रूरत बन गए हैं। हम अकेले रहकर काम नहीं कर सकते। हमें वैश्विक स्तर पर अद्भुत और प्रभावशाली तरीके से तालमेल बैठाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि “दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की है और मुझे भी इस दौरान स्वीडन के स्वास्थ्य मंत्री के साथ चर्चा करने का अवसर मिला है।”उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य संबंधी सहयोग को और ज्यादा बढ़ाने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन के अंतर्गत स्थापित किए गए संयुक्त कार्य समूह की रणनीति और योजनाओं के बारे में जानने को उत्सुक हैं। गौरतलब है कि इस संयुक्त कार्य समूहअगले सप्ताह बैठक होनी है। द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन से प्राप्त परिणामों की सराहना करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि “भारत-स्वीडन हेल्थकेयर नवाचार केन्द्र जोधपुर स्थित एम्स में कैंसर के इलाज के लिए एक उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहा है। इससे मरीजों को बीमारी, उपचार और रोग के निदान को बेहतर तरीके से समझने और उसे व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। इससे मरीजों को दवा की जटिलताओं को व्यवस्थित करने, उपचार अनुपालन सुनिश्चित करने और इलाज के दौरान होने वाली जटिलताओं को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे न सिर्फ मरीज़ बल्कि उनकी देखभाल करने वाले सहायकों के जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।” डॉ. हर्षवर्धन ने इस केन्द्र की ओर से दिए जाने वाले पहले “नवाचार चैलेंज” के विजेताओं की घोषणा भी की। एनसीडी और कोविड-19 सहित इस क्षेत्र की करीब 8 चुनौतियों को चिन्हित किया गया और इसके लिए भारत और स्वीडन के स्टार्टअप्स से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इनमें डिजिटल उपकरण, मेड-टेक(मेडिकल टेक्नॉलॉजी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधान जैसी चुनौतियों को पता चला, जिससे हेल्थकेयर क्षेत्र की कार्यक्षमता और संपूर्ण कार्य व्यवस्था में सुधार होगा।नवाचार चैलेंज को ज़बर्दस्त सफलता मिली और इस पुरस्कार के लिए 468 आवेदन प्राप्त हुए। कई स्तरों पर मूल्यांकन के बाद कुल 14 विजेताओं को पुरस्कार के लिए चुना गया। विजेताओं को बधाई देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा “भारत में व्यापक स्तर पर नवाचार मौजूद है, लेकिन इनको सफलतापूर्वक आगे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भारत और भारत के बाहर नवाचार को बढ़ावा देने और इसे सफल बनाने के इस नवाचार केन्द्र के दृष्टिकोण का हम समर्थन करते हैं। 

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