शराब के नशे में वाहन चलाने वाले होंगे दंडित, हर थाने को मिला ब्रीथ एनालाइजर 

 शराब के नशे में वाहन चलाने वाले होंगे दंडित, हर थाने को मिला ब्रीथ एनालाइजर 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-07 08:17 GMT
 शराब के नशे में वाहन चलाने वाले होंगे दंडित, हर थाने को मिला ब्रीथ एनालाइजर 

डिजिटल डेस्क, सतना। जिला मुख्यालय समेत जिले में अब शराब पीकर वाहन चलाना महंगा पड़ सकता है। पुलिस हेडक्वार्टर ने जिले के नेशनल हाइवे के हर थाने को एक-एक ब्रीथ एनालाइजर उपलब्ध कराए हैं। यहां  यातायात पुलिस को सबसे ज्यादा ऐसे 5 और सिटी कोतवाली , कोलगवां और सिविल लाइन थाने को भी  उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। एनएच के जिन थानों की पुलिस अब मौके पर ही शराबी चालक को पकड़ सकेगी,उनमें अमदरा, मैहर, नादन , अमरपाटन, रामपुरबघेलान, उचेहरा, नागौद, कोठी, मझगवां और नयागांव शामिल हैं। 

अब फोटो भी साथ में 

अभी तक सतना पुलिस के पास महज एक ही ब्रीथ एनालाइजर था। ये उपकरण मौके पर जांच के दौरान अल्कोहल की मात्रा बताते हुए प्रिंटेड रिपोर्ट तो दे देता था, मगर उसमें संबंधित वाहन चालक की फोटो नहीं होती थी, मगर अब अत्याधुनिक ब्रीथ एनालाइजर मौके पर ही संबंधित चालक की रिपोर्ट फोटो के साथ देते हैं। उल्लेखनीय है, पुराने ब्रीथ एनालाइजर में फोटो की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर प्राय: आरोपी अदालत में बच निकलते थे,लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।  शराब के नशे में ड्राइविंग की बढ़ती शिकायतों के चलते सतना पुलिस ने भोपाल मुख्यालय से हाइटेक ब्रीथ एनालाइजर की डिमांड की थी। 

एसपी की मौजूदगी में परीक्षण  

सतना पुलिस को अत्याधुनिक ब्रीथ एनालाइजर उपलब्ध कराए जाने पर मंगलवार को यहां सिटी कोतवाली के सामने पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल की मौजूदगी में एक वाहन चालक पर ब्रीथ एनलाइजर का परीक्षण भी किया गया। परीक्षण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी, सीएसपी  में किसने दी ट्रैफिक थानेदार पुरुषोत्तम पांडेय। एडिशनल एसपी गौतम सोलंकी, सीएसपी विजय प्रताप सिंह और ट्रैफिक टीआई पुरुषोत्तम पांडेय भी उपस्थित थे। इससे पहले ब्रीथ एनालाइजर वाले थानों के 2-2 स्टाफ  को यहां पुलिस कंट्रोल रुम में प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। 

रद्द हो जाता है लाइसेंस 

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आमतौर पर शराब के नशे में वाहन चलाने के आरोपियों के विरुद्ध  मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए उन्हें कोर्ट में पेश किया जाता है। इस संबंध में एक कानूनी प्रावधान ये भी है कि पहली बार नशे में पकड़ में आने वाले वाहन के चालक का लाइसेंस 3 माह और एक बार फिर से पकड़ में आने पर हमेशा के लिए लाइसेंस निरस्त कर दिया जाता है। आधार से लिंक होने के कारण लाइसेंस अगर एक मर्तबा रद्द हो गया तो फिर उसे कभी भी कहीं से नहीं बनवाया जा सकता है। 

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