बीमार आरक्षक को दी मेढ़क चाल की सजा , हुई मौत

बीमार आरक्षक को दी मेढ़क चाल की सजा , हुई मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-08 07:50 GMT
बीमार आरक्षक को दी मेढ़क चाल की सजा , हुई मौत

डिजिटल डेस्क, पन्ना। अपनी सेवाएं देते हुए प्राण त्यागने वाले एक पुलिस कर्मी के बेटे को पुलिस अफसरों की मनमाानी ने मौत की नींद सुला दिया । यह आरोप लगाते हुए मृतक के परिजनों ने उच्चाधिकारयिों से न्याय की गुहार लगाई है । इस संबंध में बताया गया है कि नगर के बड़ा बाजार निवासी स्वर्गीय सुधाकर सिंह सहायक उपनिरीक्षक के पुत्र आकाश प्रताप सिंह उर्फ बाबू उम्र 28 वर्ष की सुबह जबलपुर उपचार के लिये ले जाते समय मौत हो गयी।
 

बीमार आरक्षक को अधिकारियों ने दी मैढ़क चाल चलने की सजा

घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार आकाश प्रताप सिंह पिता की मृत्यु होने के उपरांत अनुकम्पा नियुक्ति पर छतरपुर जिले में पुलिस आरक्षक के पद पर पदस्थ हुए थे। जो कि 3 जून 2019 को पीटीएस उमरिया में 9 माह के प्रशिक्षण हेतु पहुंचे थे। 4 जून को पीटीएस में पदस्थ रक्षित निरीक्षक ने उसे भीषण गर्मी में अपरान्ह तीन बजे मैदाना में दौड़ने का आदेश दिया। स्वास्थ्य खराब हो जाने के के कारण आरक्षक ने दौड़ने से मना कर दिया था। इस नाफरमानी के कारण पीटीएस के रक्षित निरीक्षक एवं अन्य अधिकारियों द्वारा युवक आकाश प्रताप सिंह को मेढक चाल चलने की भरी दोपहरी में सजा सुना दी। भीषण गर्मी में मेढक चाल चलने के दौरान यह आरक्षक वहीं पर बेहोश होकर गिर गया जिसे आनन-फानन में उपचार हेतु उमरिया अस्पताल ले जाया गया और स्वास्थ्य में सुधार न होने के चलते कटनी एमजीएम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। कटनी से 7 जून को सुबह लगभग साढ़े चार बजे इस आरक्षक को  जबलपुर रेफर किया गया। जबलपुर ले जाते समय पुलिस आरक्षक आकाश प्रताप सिंह ने रास्ते में दम तोड़ दिया। 
 

अधिकारियों से रूष्ट हैं बाकी साथी

पीटीएस उमरिया में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे साथी पुलिस आरक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए बतलाया कि पुलिस आरक्षक आकाश प्रताप सिंह मौत अधिकारियों की लापरवाही के चलते हुई है। जब पुलिस आरक्षक द्वारा स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया गया था और दौड़ने से माना किया गया था तो उसे ऐसी हालत में मेढक चाल चलने की सजा देना न्यायोचित नही था।  उमरिया ब्यूरो द्वारा दी गई खबर के अनुसार अचानक नवयुवक आरक्षक की मौत से उनके बैचमेट सन्न रह गए। बताया जाता है खबर मिलते ही पीटीएस में साथियों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया था। हालात बिगड़ने से पहले थाना से बल भी बुलाया गया। फिर उन्हें समझा बुझाकर मामला शांत किया गया। 

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