केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों में फोटोग्राफर के लाइसेंस हेतु होगी परीक्षा

केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों में फोटोग्राफर के लाइसेंस हेतु होगी परीक्षा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-27 13:29 GMT
केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों में फोटोग्राफर के लाइसेंस हेतु होगी परीक्षा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा मप्र में संरक्षित पुरातत्व महत्व के प्रचीन स्मारकों में व्यवसायिक फोटोग्राफरों को लाइसेंस लेने हेतु अब परीक्षा देनी होगी। साथ ही समय-समय पर आयोजित रिफ्रेशर कोर्स को करना होगा। इस संबंध में ASI ने अपनी फोटोग्राफरों के लिए बनी नीति में संशोधन कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि मप्र में केंद्र द्वारा संरक्षित कुल 290 प्राचीन स्मारक हैं। जिनमें से तीन स्मारक खजुराहो, सांची एवं भीमबैठका विश्व धरोहर में शामिल हैं। नवीन नीति के अनुसार, अब साठ वर्ष की आयु वाला व्यक्ति भी फोटोग्राफर का लाइसेंस ले सकेगा, परन्तु इसके लिए उसे अपनी मेडिकल फिटनेस का प्रमाण-पत्र देना होगा। इसके अलावा इस लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए फोटोग्राफर को अपने मूल निवास का कोई एक प्रमाण-पत्र देना होगा तथा यह प्रमाण-पत्र तहसीलदार से बना निवास प्रमाण-पत्र या स्वसत्यापित पासपोर्ट की प्रति/स्वसत्यापित मतदाता पहचान-पत्र अथवा आधार कार्ड की प्रति/स्वसत्यापित राशनकार्ड की प्रति के साथ सत्यापित फोटो पहचान-पत्र हो सकेगा।

नवीन नीति के अनुसार, जिन फोटोग्राफरों के पास वर्ष 2012 के पहले से ASI द्वारा प्रदत्त लाईसेंस है तो उन्हें भी इसका सत्यापन कराने के लिए ASI द्वारा आयोजित परीक्षा एवं रिफ्रेशर कोर्स में भाग लेना होगा। इसके अलावा, फोटोग्राफर को लाइसेंस प्राप्त करने या उसका नवीनीकरण कराने या पुन: सत्यापन कराने के लिए अब विश्व विरासत वाले स्मारकों के लिए 25 हजार रुपए तथा टिकट वाले और बगैर टिकट वाले अन्य स्मारकों के लिए 15 हजार रुपए शुल्क देना होगा। यदि लाइसेंस प्राप्त व्यवसायिक फोटोग्राफर पर्यटकों/आगन्तुकों से फोटोग्राफी के लिए निधार्रित दरों से अधिक राशि लेता है अथवा निम्न स्तर के फोटोग्राफ उन्हें प्रदान करता है तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

इनका कहना है
‘‘खजुराहो में तो कोई लाइसेंसी फोटोग्राफर नहीं है। नई नीति से लाइसेंस प्राप्त करने कोई आएगा तो उसे लाइसेंस दिया जाएगा। आगरा के ताजमहल जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले स्मारकों में व्यवसायिक फोटोग्राफरों की तादात नियंत्रित करने के लिए यह नई नीति बनाई गई है।’’
एसके सिंह, कन्जरवेंशन असिस्टेंट ASI, खजुराहो

 

 

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