सूखने की कगार पर पहुंची सोयाबीन, खेतों में ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर रहे किसान
सूखने की कगार पर पहुंची सोयाबीन, खेतों में ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर रहे किसान
डिजिटल डेस्क, मोर्शी (अमरावती)। जिले में इस बार बारिश काफी कम होने व सूरज की तपन बढ़ने से मोर्शी और नांदगांव खंडेश्वर तहसील के किसानों की सोयाबीन फसल की नष्ट होने की कगार पर आ गई है। दोनों तहसीलों के किसानों के खेत की सोयाबीन फसल सूखने की कगार पर आने से किसानों ने फसल पर रोटावेटर चलाकर नष्ट करना आरंभ कर दिया है। बताया जाता है कि शहर के प्रगतिशील किसान राजू बेले ने अपने सुपाला गांव में स्थित डेढ़ हेक्टेयर खेत की सोयाबीन फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया है। इसके अलावा किसान मलवार बंधुओं ने भी अपने 3 हेक्टेयर क्षेत्र की सोयाबीन फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट किया है।
अधिकांश किसानों ने की सोयाबीन की बुआई
बता दें कि इस वर्ष तहसील के अधिकांश किसानों ने हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन फसल की बुआई की थी। किसानों को यह उम्मीद थीं कि इस वर्ष संतोषजनक बारिश होने से सोयाबीन की फसल से बेहतर उत्पादन मिलेगा। शुरुआती दिनों में मूसलाधार बारिश होने के बाद बारिश की लुकाछिपी का दौर आरंभ हो गया। विगत पखवाड़े भर से बारिश पूरी तरह गायब हो जाने से सोयाबीन फसल पर जड़ों को चट करने वाली इल्लियों और चक्रीभूंगा का प्रकोप बढ़ने से किसानों को अपने खेत में, सूखने की कगार पर आ चुकी सोयाबीन फसल को नष्ट करने का कदम उठाना पड़ रहा है।
फिलहाल के दिनों में बारिश का नामोनिशान नहीं होने से सोयाबीन की फसलें पीली पड़ने लगी है और फल्लियां भी नहीं खिल पायी है। जिसके चलते किसान अपने खेत की सोयाबीन फसल को नष्ट कर रहे है। मोर्शी शहर के किसान राजू बेले ने जहां अपने सुपाला गांव क्षेत्र में स्थित खेत की सोयाबीन फसल पर ट्रैक्टर चला दिया, वहीं तहसील के अन्य किसान भी खेत में सूखने की कगार पर आ गयी सोयाबीन फसल को नष्ट करते नजर आ रहे है। जबकि अब तक तहसील के सोयाबीन उत्पादक किसानों के खेतों का सर्वेक्षण, कृषि और राजस्व विभाग की ओर से नहीं किया गया है। इसीलिए किसानों द्वारा खेत की फसलों का सर्वेक्षण कर आर्थिक सहायता देने की मांग की जा रही है।
अब सता रही चिंता
नांदगांव खंडेश्वर तहसील संवाददाता के अनुसार तहसील के सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी बारिश की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है। तहसील के ज्यादातर किसानों ने इस वर्ष अपने खेत में सोयाबीन फसल की बुआई की है। सोयाबीन के पौधों पर अब फल्लियां भी खिलने लगी थी कि अचानक बीते पखवाड़े भर से बारिश गायब हो गई। बारिश के अभाव में सोयाबीन की फसल भी सूखने लगी है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। तहसील के किसानों को पहले कपास पर बोंड इल्ली के प्रकोप का सामना करना पड़ा और अब सोयाबीन फसल के सूखने का भय सता रहा है। वहीं बारिश पूरी तरह से गायब हो जाने से मजदूरों को भी काम नहीं मिल रहा है।