गोंदिया के बरबसपुरा गांव में लगी आग, एक के बाद एक 12 मकान हुए जलकर खाक

गोंदिया के बरबसपुरा गांव में लगी आग, एक के बाद एक 12 मकान हुए जलकर खाक

Tejinder Singh
Update: 2018-05-07 11:48 GMT
गोंदिया के बरबसपुरा गांव में लगी आग, एक के बाद एक 12 मकान हुए जलकर खाक

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। बरबसपुरा गांव में रविवार रात 9 बजे भीषण आग लगी। हादसे में 12 मकान जलकर खाक हो गए। हालांकि किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। आग लगने से परिवारों का काफी नुकसान हो गया। घर में रखा हर तरह का सामान जलकर राख हो गया है। सभी घर एक ही परिवार से जुड़े हैं। सभी विवाह समारोह में शामिल होने गए थे। इस दौरान अचानक आग लगने की जानकारी मिलते ही जब लौटे तो देखा कि आग ने भयावाह रूप धारण कर लिया था। जिसकी लपेट में एक के बाद एक कर 12 मकान स्वाहा हो गए। आग लगने की जानकारी दमकल विभाग को दी गई। लेकिन दमकल वाहन एक घंटा देरी से पहुंचा। कर्मचारियों की कमी होने से समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जा सका। 

अग्नीशमन विभाग को चुस्त-दुरुस्त करना जरुरी

धुआं उठता देख गांववाले भी जमा हो गए। सभी ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन उन्हें खास कामयाबी हाथ नहीं लगी। गर्मी के कारण जिले में बड़े पैमाने पर आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। जिसके लिए मात्र गोंदिया नगर परिषद और तिरोड़ा नगर परिषद में ही दमकल वाहन है। लेकिन देानों नगर परिषदों के दमकल वाहनों की स्थिति खराब है। साथ ही कर्मचारियों का भी टोटा है। गोंदिया में तो डेलिविजेस कर्मचारियों के भरोसे ही विभाग चल रहा है। वर्तमान में विभाग के अधिकारी के पद पर प्रभारी कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। एक सप्ताह में ही तहसील में तीन बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। पिछले साल होटल बिंदल प्लाजा में 7 लोगों को जान गवानी पड़ी थी। एक वर्ष गुजर जाने के बावजूद भी जिला प्रशासन की अनदेखी देखी जा सकती है। 

तत्काल सहायता उपलब्ध कराई

उपविभागीय अधिकारी अनंत वालस्कर के मुताबिक बरबसपुरा के मकानों में आग लगने की घटना घटित होने के बाद नियमानुसार तत्काल सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई। साथ ही पीड़ित परिवारों के भोजन और रहने की व्यवस्था करने के साथ मुआवजे के लिए कार्रवाइ की जा रही है। इस घटना में सारजाबाई बेवा.लालजी नागपुरे, भोजराज लालजी नागपुरे, सोभेलाल लालजी नागपुरे, बाबुलाल लालजी नागपुरे, मुलचंद लालजी नागपुरे, तोमेंद्र भोजराज नागपुरे, थानसिंग बलवंत लिल्हारे, दीनदयाल थानसिंग लिल्हारे, चोवा धुननलाल नागपुरे, तुलसीराम धुननलाल नागपुरे, सदराम धुननलाल नागपुरे, परमेश्वरी मुरली मच्छिरके के मकान जलकर जल गए। 

 

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