अब आदिवासी छात्रावास एवं आश्रमशालाओं में नहीं मिलेगा भोजन, अकाउंट में जमा होगा अमाउंट

अब आदिवासी छात्रावास एवं आश्रमशालाओं में नहीं मिलेगा भोजन, अकाउंट में जमा होगा अमाउंट

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-13 09:20 GMT
अब आदिवासी छात्रावास एवं आश्रमशालाओं में नहीं मिलेगा भोजन, अकाउंट में जमा होगा अमाउंट

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। शासन द्वारा छात्रावास एवं आश्रम स्कूलों में निवास कर शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को वर्तमान में उसी स्थान पर नि:शुल्क  भोजन, पाठ्यपुस्तक एवं गणवेश उपलब्ध कराए जाते हैं। जिसके चलते आदिवासी विद्यार्थी शिक्षा के मुख्य प्रवाह में आकर सामूहिक शिक्षा का पाठ पढ़ रहे हैं। ऐसे में अब सरकार ने निर्णय लिया है कि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को अब न तो आश्रम स्कूलों एवं छात्रावासों में भोजन मिलेगा और न ही अन्य सुविधाएं। भोजन, पाठ्यपुस्तक, गणवेश एवं अन्य सामग्री खरीदने के लिए अब नगद राशि उनके बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। यह योजना आदिवासी विद्यार्थियों के लिए नुकसानदायक साबित होने की आशंका जताई जा रही है।

बता दें कि आदिवासी विकास विभाग ने 5 दिसंबर 2016  को निर्णय लिया था कि विद्यार्थियों को भोजन एवं अन्य सामग्री खरीदी करने के लिए सीधे उनके बैंक खातों में राशि जमा कराई जाएगी। यह निर्णय 26 जनवरी 2017 से लागू किया गया जाना था, लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका। अब नए शैक्षणिक सत्र से यह योजना विद्यार्थियों के लिए लागू कराई गई है। इस योजना से विद्यार्थियों के बैंक खातों में रुपए जमा होंगे। इस राशि से उन्हें भोजन, गणवेश, किताबें एवं अन्य सामग्री खरीदी करनी है, जबकि यह योजना विद्यार्थियों के भविष्य के लिए खतरे की घंटी होने की आशंका आदिवासी संगठनों ने जताई है। क्योंकि इसके पूर्व छात्रावास एवं आश्रम स्कूलों में भोजन, पाठ्य पुस्तक, गणवेश एवं अन्य सामग्री शासन की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती थी। जिससे सभी विद्यार्थियों को एकसाथ एक समान लाभ मिलता था। अब इसके बदले राशि देने की व्यवस्था की जा रही है। जिसका विपरीत परिणाम यह होगा कि इस राशि का अनेक विद्यार्थी दुरुपयोग भी कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर उनमें सामुदायिकता की भावना को ठेस पहुंच सकती है।

जिले में 2 हजार विद्यार्थी
गोंदिया जिले में 19 छात्रावास है। जहां पर लगभग 2 हजार आदिवासी विद्यार्थी निवास करते हैं। इन छात्रावासों में भोजन, गणवेश, किताबें या आवश्यक सामग्री नि:शुल्क तौर पर उपलब्ध कराई जाती है, जिससे विद्यार्थी संगठित होकर शिक्षा का पाठ पढ़ते हैं। वहीं इस वर्ष से उपरोक्त सुविधाएं उपलब्ध कराई नहीं जाएगी, उनके बैंक खातों में राशि जमा की जाएगी। जबकि अब तक किसी भी विद्यार्थियों के खाते में नए शैक्षणिक सत्र की राशि उपलब्ध नहीं कराए जाने से यह योजना विद्यार्थियों के लिए नुकसानदायक साबिड्डत तो नहीं होगी? यह भी सवाल निर्माण हो रहा है।

नए शिक्षा सत्र से योजना शुरू
शासन निर्णय के तहत विद्यार्थियों के बैंक खातों में राशि जमा की जाएगी। इसके पूर्व छात्रावास में जो सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी। वह नहीं की जाएगी। 10  जुलाई तक भोजन उपलब्ध किया जा रहा है। इसके बाद बंद किया जाएगा। अभी तक किसी भी विद्यार्थियों के ऑनलाइन प्रवेश आवेदन नहीं आए हैं। जबकि प्रवेश प्रक्रिया मई माह के अंतिम सप्ताह से ही शुरू हो चुकी है।
(टी.डी. दुर्गे, छात्रावास अधीक्षक, गोंदिया)

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