गडकरी ने उत्तर प्रदेश सरकार से सभी टोल प्लॉजा समझौतों के लिए स्टॉम्प शुल्क में छूट देने की मांग की

गडकरी ने उत्तर प्रदेश सरकार से सभी टोल प्लॉजा समझौतों के लिए स्टॉम्प शुल्क में छूट देने की मांग की

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-27 07:44 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय गडकरी ने उत्तर प्रदेश सरकार से सभी टोल प्लॉजा समझौतों के लिए स्टॉम्प शुल्क में छूट देने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने यूटिलिटी शिफ्टिंग शुल्क को भी आधा करने की मांग की है। साथ ही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा है, जिससे जल्द से जल्द ऱाष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण हो सके उत्तर प्रदेश में करीब 7500 करोड़ के 16 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन किया मंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश सरकार से सभी टोल प्लॉजा समझौतों के लिए स्टॉम्प शुल्क में छूट देने की मांग की है। साथ ही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा है, जिससे जल्द से जल्द ऱाष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण हो सके। इसके अलावा उन्होंने दूसरे राज्यों की तरह यूटिलिटी शिफ्टिंग शुल्क को 5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी करने की मांग की है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के तहत दिए जाने वाले मुआवजे को भी जल्द वितरित करने का आग्रह किया है। केंद्रीय मंत्री ने यह बातें आज उत्तर प्रदेश में 7477 करोड़ रुपये के 500 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले16 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट के शिलान्यास और उद्घाटन करते हुए कही है। सभी प्रोजेक्ट का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ वी.के.सिंह, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, राज्य के अन्य मंत्री, सांसद, विधायक, केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान श्री गडकरी ने कहा कि पिछले छह साल में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 3700 किलोमीटर का इजाफा हुआ है। जिसका मूल्य 42,000 करोड़ रुपये है। आज प्रदेश में करीब 11,389 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिनके निर्माण में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये खर्च हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में राज्य में भूमि अधिग्रहण के तहत 26,000 करोड़ रुपये मुआवजे दिए गए है। उन्होंने कहा नए राजमार्ग और उनके विस्तारीकरण से राज्य के प्रमुख शहरों से सभी जिलों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। श्री गडकरी ने कहा कि साल 2014 से राज्य में 15,439 करोड़ रुपये के सीआरएफ कार्यों की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत 4,628 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं। जबकि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त 287 करोड़ रुपये की स्वीकृति की गई थी। इसके अलावा आज 280 करोड़ रुपये और मंजूर किए गए है। मंत्री ने यह आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार से प्रस्तावों के मिलने के बाद स्वीकृत राशि को जल्द से जल्द जारी किया जाएगा। मंत्री ने कहा उत्तर प्रदेश में मौजूदा वित्त वर्ष में 2900 किलोमीटर के राजमार्ग के काम पूरे हुए है। जिस पर करीब 65,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके अलावा 14,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 1100 किमी की लंबाई वाले राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट इस साल जारी अवार्ड करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त 3500 किलोमीटर लंबाई वाले 50,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का डीपीआर भी तैयार कर लिया गया है। मंत्री ने कहा उत्तर प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि गाजीपुर-बलिया-माझीघाट के 4 लेन वाले 133 किलोमीटर के ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा प्रयागराज में 4 लेन वाले 98 किलोमीटर के रिंग रोड प्रोजेक्ट का भी डीपीआर तैयार किया जा रहा है। रिंग रोड प्रोजेक्ट की लागत 7000 करोड़ रुपये है। रिंगरोड को तीन चरणों में तैयार किया जाएगा। पहले चरण में 27 किलोमीटर का ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट है। जो कि दंदूपुर से संसोर के बीच 2,500 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इसके तहत गंगा नदी पर 2.5 किलोमीटर का सेतु निर्माण भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 4 लेन वाले 74 किलोमीटर के सीतारगंज-बरेली, मथुरा-बदायूं-बरेली के बीच 4 लेन वाले 228 किलोमीटर, आगरा-अलीगढ़ के बीच 81 किलोमीटर का 4 लेन, आगरा-जलेसर के बीच पेव्ड शोल्डर्स के 87 किलोमीटर का 2 लेन, शाहजहांपुर-हरदोई-लखनऊ के बीच 270 किलोमीटर लंबाई वाले राजमार्ग का 2-4 लेन निर्माण, रायबरेली-प्रयागराज के बीच 105 किलोमीटर का 4 लेन चौड़ीकरण, लखनऊ-कानपुर-कारवी-छतरपुर-सागर के बीच 335 किलोमीटर के उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश संपर्क प्रोजेक्ट शामिल हैं।

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