प्रदेश में घटी बिजली की डिमांड, 5500 मेगावाट पर पहुंची

प्रदेश में घटी बिजली की डिमांड, 5500 मेगावाट पर पहुंची

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-29 09:20 GMT
प्रदेश में घटी बिजली की डिमांड, 5500 मेगावाट पर पहुंची

दैनिक भास्कर न्यूज़ डेस्क, भोपाल। प्रदेश में बिजली की डिमांड घटकर 5500 मेगावाट पर पहुंच गई है। जबकि यही डिमांड 15 दिनों पहले 6000 मेगावाट से ऊपर थी। डिमांड घटने के कारण प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट भी ब्रेकिंग डाउन पर चल रहे है। ऐसे समय में वही थर्मल पावर प्लांट बिजली का उत्पादन कर पाएंगे जो सस्ती बिजली तैयार कर पा रहे है।

बताया जा रहा है कि बरसात के आते ही अचानक बिजली की डिमांड में कमी आ जाती है, ऐसे में जो प्लांट फूल लोड पर चलते है उन्हें भी ब्रेकिंग डाउन के चलते या तो बंद होना पड़ता है या फिर कम लोड पर चलाया जाता है। इसके साथ ही एमओडी का करंट भी इन प्लांटों का पीछा नहीं छोड़ रहा है अर्थात ऐसे समय में जो प्लांट एमओडी के अनुसार सस्ती बिजली तैयार करेंगे वही प्लांट बिजली का उत्पादन करने में सफल हो पाएंगे।

सरकारी पावर प्लांटों में संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरसिंगपुर की 500 और 210 मेगावाट की विद्युत इकाईयां बिजली का उत्पादन कर पा रही है तो वही अमरकंटक और सारणी पावर प्लांट भी इस उत्पादन में साथ निभा रहे है। लेकिन सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट खंडवा को मानों ग्रहण सा लग गया है जिसके चलते इस प्लांट की 600 -600 मेगावाट की दोनों इकाईयां पूरे जून माह से बंद है। जिसका कारण महंगी बिजली बनाना है।

सबसे सस्ती बिजली बना रहा अमरकंटक प्लांट
एमओडी के बाद से अच्छे-अच्छे पावर प्लांट लड़खड़ा गए है। ऐसे कठिन समय में प्लांटों से बिजली का उत्पादन करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन ऐसे समय में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की 210 मेगावाट की इकाई सबसे सस्ती बिजली तैयार कर रही है। अर्थात 1.73 पैसे प्रति यूनिट बिजली बन रही है। एमओडी के अनुसार सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारणी की 250 -250 मेगावाट की नई इकाईयां 1.90 पैसे तो वही शहडोल के पास स्थित मोजर वियर पावर प्लांट 2.19 पैसे , संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट की 500 मेगावाट की इकाई 2.21 पैसे और 210 मेगावाट की 2.25 पैसे तथा सबसे महंगी बिजली तैयार करने का कीर्तिमान सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट खंडवा के नाम है इस प्लांट की 600 -600 मेगावाट की विद्युत इकाईयां 2.40 पैसे प्रति यूनिट बिजली तैयार कर पा रही है , जो एमओडी के अनुसार काफी नीचे के पायदान पर है।

वार्षिक संधारण के चलते बंद होगी इकाईयां
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के थर्मल पावर प्लांटों की विद्युत इकाईयां वार्षिक संधारण कार्य के चलते बंद होगी। हालांकि संजय गांधी पावर प्लांट बिरसिंगपुर की 500 मेगावाट की विद्युत इकाई 28 जून से यानि की आज से 30 दिनों के वार्षिक संधारण कार्य के चलते बंद कर दिया गया। वही आगामी 20 जुलाई को सारणी पावर प्लांट की 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाई 50 दिनों तथा 210 मेगावाट की 8 नंबर इकाई भी 12 जुलाई से 25 दिनों तक बंद रहेंगी।

मनु श्रीवास्तव हो सकते ऊर्जा विभाग के पीएस
राज्य सरकार आईएएस के तबादलों में बड़े स्तर पर फेरबदल करने की तैयारी में है। जिसमे कई अतिरिक्त प्रमुख सचिव , प्रमुख सचिव , सचिव तथा कमिश्नर प्रभावित हो सकते है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऊर्जा विभाग के एसीएस इकबाल सिंह बैंस की सरकार ऊर्जा विभाग से छुट्टी कर सकती है। उनके स्थान पर प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग मनु श्रीवास्तव को ऊर्जा विभाग का पीएस बनाया जा सकता है। ज्ञात हो कि मनु श्रीवास्तव इसके पहले भी वितरण कंपनी में अपनी सेवाएं दे चुके है।

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