आपातकाल के बंदियों को पेंशन देने की तैयारी में सरकार : CM फडनवीस

आपातकाल के बंदियों को पेंशन देने की तैयारी में सरकार : CM फडनवीस

Anita Peddulwar
Update: 2017-12-22 07:17 GMT
आपातकाल के बंदियों को पेंशन देने की तैयारी में सरकार : CM फडनवीस

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के आपातकाल बंदियों को स्वतंत्रता सेनानी जैसी सुविधा के साथ पेंशन देने का प्रस्ताव सरकार ने तैयार किया । मुख्यमंत्री देेवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी । मुख्यमंत्री ने कहा कि 7-8 राज्यों में वैसे यह सुविधा दी जा रही है । आपातकाल में 19 माह तक इंदिरा गांधी के नेतृत्व की सरकार का विरोध करने वाले को जेल में रहना पड़ा था। ऐसे लोगों को पेंशन देने की तैयारी सरकार ने की है।
भाजपा सदस्य एकनाथ खड़से ने प्वाइंट आफ इंफरमेशन के तहत मामला उठाया।खड़से ने कहा कि आपातकाल आंदोलन में राज्य से कई लोग शामिल हुए थे । वह आंदोलन एक तरह से  दूसरा स्वतंत्रता आंदोलन था ।अधिकारों के लिए लड़नेवाले उन सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी जैसे मानधन मिलना चाहिए । मुख्यमंत्री ने पहले ही कहा था कि आपातकाल आंदोलन में शामिल कार्यकर्ताओं को सहूलियत देने के लिए निर्णय लेंगे। मुख्यमंत्री अब अपनी भूमिका स्पष्ट करें । इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के बंदियों को कुछ राज्यों में स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिला है । महाराष्ट्र सरकार ने भी प्रस्ताव तैयार किया है । जिला वार जानकारी ली गई है । नये साल में केबिनेट की पहली बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी ।

संघ और भाजपा से जुड़े हैं अधिकांश नेता:  उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल के दौरान (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट)  मीसा एक्ट के तहत कई लोगों को जेल भेजा था। इसे तब सभी विपक्षी दलों ने सरकार की तानाशाही करार दिया था।  तब भाजपा वजूद में नहीं थी और जनसंघ के रूप में जनता पार्टी का हिस्सा थी। आपातकाल में जेल जाने वालों में अधिकांश जनता पार्टी से जुड़े नेता थे।  सरकार ने कुछ समय पहले इन्हें पेंशन देने की तैयारी जताई थी।                     

कई राज्यों में दी जा रही है पेंशन:   उत्तराखंड के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ , उत्तरप्रदेश व राजस्थान के उन सभी नेताओं या उनकी विधवाओं को काफी पहले ही हर महीने पेंशन देने की घोषणा हुई थ। बता दें कि 26 जून 1975 को आपातकाल लगने से लेकर 1977 के दौरान मेंटीनेंस ऑफ इंटर्नल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) और डिफ़ेंस ऑफ इंडिया रूल्स (डीआईआर) के तहत जेलों में बंद रहे हैं ऐसे नेताओं को इस पेंशन योजना का लाभ मिलेगा।  ऐसे नेताओं में ज़्यादातर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं। इसके अलावा कुछ वामपंथी नेता भी मीसा और डीआईआर के तहत जेलों में बंद रहे थे।  महाराष्ट्र में इन पेंशनरों की फेहरिस्त कितनी लंबी है कहना फिलहाल मुश्किल है।

 

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