अवमानना में अनोखी सजा: पीएचई चीफ इंजीनियर को 200 पौधे लगाने का आदेश

अवमानना में अनोखी सजा: पीएचई चीफ इंजीनियर को 200 पौधे लगाने का आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-31 07:33 GMT
अवमानना में अनोखी सजा: पीएचई चीफ इंजीनियर को 200 पौधे लगाने का आदेश

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में पीएचई ग्वालियर रीजन के चीफ इंजीनियर एसके अंधवान को 15 दिन के भीतर 200 पौधे लगाने की अनोखी सजा सुनाई है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस अंजुली पालो की युगल पीठ ने चीफ इंजीनियर को तीन साल तक पौधों की रक्षा करने के लिए कहा है। युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि यदि 20 प्रतिशत से अधिक पौधे नष्ट होते है तो चीफ इंजीनियर को एक माह की सजा भुगतनी होगी। 

अनुकम्पा नियुक्ति के बदले याचिकाकर्ता को 2 लाख रुपए दिए 

8 जुलाई को युगल पीठ ने अवमानना मामले में पीएचई ग्वालियर रीजन के चीफ इंजीनियर एसके अंधवान को दोषी करार दिया था। सजा के निर्धारण के लिए 30 जुलाई की तिथि नियत की गई थी। मंगलवार को चीफ इंजीनियर युगल पीठ के समक्ष हाजिर हुए। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए याचिकाकर्ता आशीष अवस्थी को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कर दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विपिन यादव और शैलेश शर्मा ने कहा कि अनुकम्पा नियुक्ति के बदले याचिकाकर्ता को 2 लाख रुपए दिए गए थे। आदेश में यह शर्त रखी गई है कि याचिकाकर्ता को 2 लाख रुपए जमा करने पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाएगी। युगल पीठ ने 2 लाख रुपए जमा करने के लिए याचिककर्ता को 6 माह का समय दिए जाने का निर्देश दिया है। युगल पीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए चीफ इंजीनियर एसके अंधवान को 15 दिन के भीतर 200 पौधे लगाने और तीन साल तक उनकी सुरक्षा करने के लिए कहा है। युगल पीठ ने कहा है कि यदि 20 प्रतिशत से अधिक पौधे नष्ट होते है तो चीफ इंजीनियर को एक माह की सजा भुगतनी होगी। 

पिता पीएचई विभाग में कंटीजेन्सी वर्कर के पद पर कार्यरत थे

मोहनगढ़ टीकमगढ़ निवासी आशीष अवस्स्थी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसके पिता ओमप्रकाश अवस्स्थी पीएचई विभाग में कंटीजेन्सी वर्कर के पद पर कार्यरत थे। सेवा के दौरान वर्ष 2014 में उनका निधन हो गया था। याचिकाकर्ता ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया, लेकिन आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि कंटीजेन्सी वर्कर की मृत्यु पर अनुकम्पा नियुक्ति देने की नीति वर्ष 2016 में लागू की गई है। इस मामले में हाईकोर्ट की एकल पीठ में याचिका दायर की गई। एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी। इसके बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच में अपील दायर की गई। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने अपील स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता को अनुकम्पा नियुक्ति देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच के आदेश का पालन करने पर अवमानना याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने 17 जून 2019 को आदेशित किया कि 8 जुलाई तक आदेश का पालन किया जाए या फिर कोर्ट में हाजिर होकर जवाब पेश करें। 8 जुलाई तक तक न तो आदेश का पालन किया गया, न ही जवाब पेश किया। इस मामले में हाईकोर्ट ने चीफ इंजीनियर एसके अंधवान को अवमानना का दोषी ठहराया था।
 

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