जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले गंगवानी की मानसिक जांच करवाएं : HC

जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले गंगवानी की मानसिक जांच करवाएं : HC

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-26 06:54 GMT
जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले गंगवानी की मानसिक जांच करवाएं : HC

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले ब्रिजलाल गंगवानी की मानसिक जांच कराने के आदेश दिए हैं। बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद कोर्ट की अवमानना से बाज न आने वाले आरोपी के प्रकरण में सुनवाई आगे बढ़ाने से पहले कोर्ट उसकी मानसिक स्थिति जानना चाहता है। न्यायालयीन मित्र एड.फिरदौस मिर्जा की सिफारिश पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने जरीपटका पुलिस से गंगवानी की मानसिक रुग्णालय में दिमागी जांच करा कर 15 जुलाई तक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

दरअसल गंगवानी के खिलाफ कंटेम्ट ऑफ कोर्ट सेक्शन 15 (2) के तहत आरोप तय किए गए हैं। हाईकोर्ट ने आरोपी को बीते जनवरी माह में जरीपटका पुलिस थाने में जाकर समर्पण करने और वहां अच्छे चाल-चलन का बांड देकर जमानत लेने का आदेश दिए थे। साथ ही कोर्ट ने आरोपी को न्यायालय की अवमानना से जुड़ा कोई भी कृत्य करने से प्रतिबंधित किया था। न्यायालयीन मित्र के अनुसार, इसके बाद भी आरोपी ने जो शपथ-पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया, वह जजों के लिए अपमानजनक है। आरोपी बार बार इस तरह की अवमानना कर रहा है। इसलिए पहले उसकी दिमागी जांच जरूरी है।

यह था मामला  
उल्लेखनीय है कि आरोपी के खिलाफ प्रधान जिला व सत्र जस्टिस वीडी डोंगरे ने हाईकोर्ट में फौजदारी अवमानना याचिका चलाने की प्रार्थना की थी। वर्ष 2012 में सह दीवानी जस्टिस कनिष्ठ स्तर के पास गंगवानी के खिलाफ एक प्रकरण आया। इस प्रकरण में 31 अगस्त 2016 को कोर्ट ने गंगवानी के खिलाफ निर्णय दिया। इससे नाराज गंगवानी ने जज की शिकायत प्रधान व जिला सत्र जस्टिस से कर दी। प्रधान जस्टिस कोई फैसला लेते, इसके पूर्व ही गंगवानी ने उन पर भी आरोप लगाना शुरू कर दिया।

गंगवानी ने जजों की शिकायत सीबीआई से कर दी। इसके बाद प्रधान जिला व सत्र जस्टिस के रूप में विलास डोंगरे ने पदभार संभाला। उनके पास जब यह प्रकरण सुनवाई के लिए आया तो उन्होंने गंगवानी के खिलाफ नोटिस जारी किया। साथ ही इस मामले में गंगवानी के खिलाफ फौजदारी अवमानना याचिका चलाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की। हाईकोर्ट में मामला पहुंचा तो आरोपी ने हाईकोर्ट जजों पर भी उसी तरह आरोप लगाने शुरू कर दिए।  बता दें कि वर्ष 2007 में भी ठीक इसी तरह गंगवानी ने जजों पर इसी तरह गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद कोर्ट में उन्होंने मांफी मांगी थी, लेकिन अब फिर से उन्होंने जजों पर आरोप लगाए हैं। 

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