बाघिन को शूट करने के आदेश, हाईकोर्ट ने फैसला रखा बरकरार

 बाघिन को शूट करने के आदेश, हाईकोर्ट ने फैसला रखा बरकरार

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-06 08:34 GMT
 बाघिन को शूट करने के आदेश, हाईकोर्ट ने फैसला रखा बरकरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल सहित आसपास के फारेस्ट रेंज में आतंक मचाने वाली नरभक्षी बाघिन को गोली मारने के आदेश को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। बता दें कि जिले के पांढरकवड़ा वन्य क्षेत्र में कई लोगों पर हमला कर उनकी जान लेने वाली बाघिन टी-1 को गोली मारने का आदेश प्रधान वन संरक्षक ने जारी किया था। इस आदेश को हाईकोर्ट ने गुरुवार को बरकरार रखा है।

पूर्व में भी उठी थी मांग, तब गर्भवती थी बाघिन
उल्लेखनीय है कि वन्य प्रेमी जैरिल बनाईत ने बाघों को गोली मारने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। इसके पूर्व में भी वन विभाग ने इसी बाघिन को गोली मारने का आदेश निकला था। तब भी कोर्ट में यह मामला पहुंचा था। उसी दौरान बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया था, जिससे मामला शांत हो गया। इसके पूर्व कोर्ट ने  वन विभाग को बाघिन को गोली मारने की जगह बेहोश करके पकड़ने को कहा था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से बाघिन का आतंक बढ़ते ही जा रहा है।

घरों से निकलने से डरने लगे हैं लोग
बाघिन के खौफ से फारेस्ट रेंज के आसपास रहने वाले लोग घर से निकलने के लिए डरने लगे हैं। खेती-किसानी के कार्य भी प्रभावित हुए हैं। हाल ही में बाघिन के बढ़ते हमले देख वन विभाग ने उसे देखते ही गोली मारने और उसके दो शावकों को पकड़ने का आदेश जारी किया है। इसके खिलाफ कोर्ट में अर्जी दायर की गई है।

14 लोगों तो बनाया अपना शिकार
वन विभाग की ओर से बताया गया कि इसी बाघिन ने अब तक 14 लोगों को अपना शिकार बनाया है। यहां तक कि ट्रैप करने के लिए लगाए गए कैमरे और वन संरक्षण की टीम ने भी इसकी पुष्टि की है। बाघिन के साथ उसके 2 शावक भी हैं। अत: इसी तरह से मां को मानव शिकार करते देखे जाने पर शावकों के बड़े होने पर उनके भी नरभक्षी होने की संभावना है। ऐसे में वन्यजीव और मानव के बीच की स्थिति और भी खराब हो सकती है। 

हालांकि गत समय दिए गए आदेशों के अनुसार बाघिन को बेहोश करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन 6 माह से सफलता हासिल नहीं हुई है। वन विभाग का मानना था कि बेहोशी के लिए उपयोग की जाने वाली बंदूक का निशाना चूकने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में बेहोशी कितनी कामयाब होगी. यह नहीं कहा जा सकता  लेकिन जान से मारने के लिए उपयोग में आनेवाली बंदूक सटीक होती है।

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