लकड़बग्घे ने 24 घंटे में 6 लोगों को काटा -पागल होने की आशंका

लकड़बग्घे ने 24 घंटे में 6 लोगों को काटा -पागल होने की आशंका

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-21 09:11 GMT
लकड़बग्घे ने 24 घंटे में 6 लोगों को काटा -पागल होने की आशंका

 डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)।  वन्य जीव लकड़बग्घा के हमलावर होने से चरगोड़ा-बसौड़ा क्षेत्र के रहवासियों में भय व्याप्त हो गया है। इन क्षेत्रों मे पिछले 24 घंटे के दरमियान लकड़बग्घा के काटने से बालक सहित 6 लोग लहूलुहान हो गये। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि लकड़बग्घा पागल हो गया है। इसीलिये आते जाते लोगों पर कभी सामने से तो कभी पीछे से हमला कर दे रहा है। जब तक लोग बचाव की सोच पाते हैं तब तक अपने नुकीले दांतों और नाखून से लहूलुहान कर भाग जाता है। घायलों में रामकृपाल एवं धीर साय सिंह ने बताया कि वे बसौड़ा स्थित अपने आवास से कुछ दूर परिचित के यहां शाम के समय जा रहे थे। तभी पीछे से आकर लकड़बग्घे ने उसके पांव में काट लिया। बचने की कोशिश कर ही रहा था, तब तक उसने हाथ में भी काट लिया। उधर बालक के साथ जा रही महिला मानमति खैरवार इस बात से बेखबर थी कि कोई जंगली पशु घात लगाये बैठा है। तभी बसौड़ा की झाडिय़ों से निकले लकड़बग्घे ने पहले बालक हीरा सिंह 6 वर्ष पर हमला कर दिया। उसे बचाने के लिए आगे आई मानमति के भी पांव तथा हाथ को लहूलुहान कर भाग खड़ा हुआ। 
बचने की नहीं छोड़ता गुंजाइश
इसी तरह बिलासिया एवं उसके पति भोला सिंह तथा सुशीला पनिका भी लकड़बग्घा के हमले मेंंं गंभीर रूप से घायल हो गये। घायलों की चीख-पुकार सुनकर गांव से लोग लाठी लेकर दौड़ पड़े, लेकिन तब तक वह जंगल में भाग गया था। हालात ये है कि एक बाद हो रहे दूसरे हमले की खबर से चरगोड़ा, बसौड़ा इलाके में लोग शाम ढ़लते ही घर का दरवाजा बंद कर ले रहे हैं। रात के समय लोगों का निकलना भी दुश्वार हो गया है। हर किसी को यही आशंका है कि अब अगला शिकार कौन होगा? उधर घायलों को एम्बुलेंस द्वारा जिला अस्पताल लाया गया। जहां ड्यूटी डॉक्टर संतोष कुमार ने उन्हें उपचार देकर भर्ती कर दिया है। 
वन अमला पकड़े वर्ना मारा जायेगा
जिस तरह से यह लकड़बग्घा लोगों पर हमला कर रहा है, उससे यह निश्चित है कि किसी दिन ग्रामीणों की बीच फंस गया तो मारा जायेगा। जब तक नहीं फंसता है तब तक वह ग्रामीणों को काटेगा। इसीलिये वन अमले को चाहिये कि लकड़बग्घे को पकड़े और उसका उपचार कराये। क्योंकि यदि इसको खुला छोड़े रखा गया तो निश्चित रूप से यह और ग्रामीणों पर हमला करेगा, परेशान होकर ग्रामीण भी एकजुट होकर इस पर हमला करेंगे। रात्रि के समय तो बचकर भाग जायेगा, दिन में मुश्किल होगी।
 

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