इस नदी में किया जा रहा अवैध उत्खनन, पाइप लाइन फूटने से बर्बाद हो रहा पानी
इस नदी में किया जा रहा अवैध उत्खनन, पाइप लाइन फूटने से बर्बाद हो रहा पानी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। भीषण गर्मी के चलते जहां जगह-जगह पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है वहीं गोंदिया के चुलबंद नदी में अवैध उत्खनन करने वालों की करतूतों से पाइप लाइन फूटकर पानी की बर्बादी हो रही है। आश्चर्य है कि प्रशासन ने अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की है। बताया जा रहा है कि चुलबंद नदी तट में अवैध उत्खनन कर रेत की तस्करी की जा रही है। लेकिन इस बार इस अवैध उत्खनन का असर सौंदड़ की जलापूर्ति पर पड़ा है। जलापूर्ति पाइप लाइन अवैध रेत उत्खनन करनेवालों ने तोड़ दी है। जिसकी वजह से सौंदड़ ग्राम में जलसंकट गहरा गया है। वहीं हजारों लीटर पानी की बर्बादी पाइप लीकेज होने से हो रही है। इस तरह का मामला सामने आने के बाद से राजस्व विभाग की पोल खुलती नजर आ रही है।
10 हजार से अधिक है जनसंख्या
सौंदड़ ग्राम पंचायत की जनसंख्या 10 हजार से अधिक है। ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने हेतु ग्रापं प्रशासन ने समीप के ही चुलबंद नदी के जलस्त्रोत से जलापूर्ति शुरू कर दी है। प्रतिदिन 2 लाख 15 हजार लीटर पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन चुलबंद नदी के रेत घाट पर रेत तस्करों द्वारा अवैध उत्खनन कर शासन को लाखों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। लेकिन सबसे अधिक नुकसान ग्राम पंचायत को पहुंच रहा है।
रात में होता है अवैध परिवहन
बता दें कि रात में रेत का अवैध परिवहन इस चुलबंद नदी से टैक्टर व टिप्पर के माध्यम से किया जाता है। उसी घाट से लगकर जलापूर्ति की पाइप लाइन बिछी है। अवैध परिवहन करनेवाले वाहन चालक पाइप लाइन पर से वाहनों को दौड़ाते हैं जिसकी वजह से पाइप लाइन टूट गई है। पाइप लाइन लीक होने से हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। और इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि राजस्व विभाग कितना सजग है।
सुधार का कार्य जारी
ग्राम की जनसंख्या लगभग 10 हजार है। जलापूर्ति के माध्यम से उन्हें पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्राम में जलसंकट की समस्या नहीं के बराबर है। लेकिन चुलबंद नदी से रेत का उत्खनन कर ट्रैक्टरों के माध्यम से परिवहन करते समय पाइप लाइन से वाहन गुजरते हैें, जिसकी वजह से पाइप लाइन टूट गई। इसका सुधारकार्य शुरू कर दिया गया है। प्रतिदिन लगभग 2 लाख 15 हजार लीटर पानी दिया जा रहा है। इस संदर्भ में संबंधित विभाग को जानकारी देकर अवगत कराया गया है। (गायत्री इरले, सरपंच, ग्रापं सौंदड)