सिंगरौली के जंगलों मे बढ़ा तेंदुओं का कुनबा, मिल सकता है सफारी का आंनद

सिंगरौली के जंगलों मे बढ़ा तेंदुओं का कुनबा, मिल सकता है सफारी का आंनद

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-04 08:14 GMT
सिंगरौली के जंगलों मे बढ़ा तेंदुओं का कुनबा, मिल सकता है सफारी का आंनद

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली(वैढ़न)। वन्य प्राणियों की गणना में सामने आये नतीजों से फारेस्ट अफसर खासे उत्साहित हैं। गणना में यह बात सामने आई है कि सिंगरौली जिले के जंगल में तेंदुओं का कुनबा तेजी से बढ़ा है। ऐसे में यदि जिले में पर्यटन क्षेत्र विकसित हुआ तो पर्यटकों के रोमांचित होने के साथ ही सफारी का भी मजा ले सकेंगे। 

बताया जाता है कि जिले में ओपन फारेस्ट को विकसित करने के लिये टाइगर समेत अन्य वन्य प्राणियों के नंबर का क्राइटेरिया तय किया गया है। जिले में आरक्षित और अनारक्षित क्षेत्रों की सीमा भी वाइल्ड लाइफ के लिये निर्धारित की गई है। हालांकि इन नियमों के बाद भी जिले में सिटी फारेस्ट से लेकर अन्य डेवलपमेंट के डीएफओ ने प्रयास शुरू कर दिये हैं। गणना की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि जिले में तेंदुआ की संख्या 195 पहुंच गई है। इतना ही नहीं जिले के जंगल में अन्य दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों की जानकारी भी गणना से सामने आई है। बहरहाल अफसर प्रॉयर्टी के आधार पर सरकारी स्तर पर प्रयास शुरू कर दिये हैं।

नहीं मिले वनराज, अन्य प्राणी पर्याप्त
जिले में हुई गणना मेें वन प्राणियों की मौजूदगी के अच्छे परिणाम सामने आये हैं। यदि वनराज को छोड़ दें तो कई दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणी सिंगरौली के जंगल में मौजूद हैं। फारेस्ट के अफसरों का कहना है कि बांधवगढ़ और संजय गांधी नेशनल पार्क से जिले के जंगल की सीमा लगी होने के कारण पर्यटन के विकसित होने की अपार संभावनाएं हैं। रिजर्व टूरिज्म के लिये भी जिले के जंगल में स्थितियां अनुकूल हैं। 

ईको पर्यटन आकर्षण का केन्द्र
जिले में स्थापित ईको पर्यटन के क्षेत्र वैसे भी लोगों के लिये आकर्षक केन्द्र बन गये हैं। फारेस्ट विभाग ने ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये जिले के जंगलों में पिकनिक स्पॉट को विकसित किया जा रहा है। बगदरा की तर्ज पर जिले के जंगल में फारेस्ट विभाग द्वारा ईको पर्यटन स्थलों को विकसित करने का प्लान बनाया जा रहा है। 

इनका कहना है
वन्य प्राणियों की गणना में सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। ईको पर्यटन और फारेस्ट को विकसित करने के लिये प्रयास जारी है।
विजय सिंह, डीएफओ
 

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