केन्द्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा आगामी प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा आगामी प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-12-11 10:12 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय केन्द्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा आगामी प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि छात्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के ब्रांड एंबेसडर हैं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं की तिथियों के बारे में निर्णय लेने के लिए हितधारकों के साथ परामर्श किया जा रहा है जेईई (मुख्य) परीक्षा2021 एक वर्ष में चार बार आयोजित किए जानेके सुझाव पर सकारात्‍मक रूप से विचार किया जाएगा- श्री रमेश पोखरियाल निशंक जेईई (मुख्य)परीक्षा2021 का पाठ्यक्रम पिछले वर्ष की ही तरह रहेगा और एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है कि क्‍या छात्रों को 100 प्रश्नों में से 75 प्रश्नों के उत्तर देने का विकल्प दिया जाए- केन्द्रीयशिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आगामी प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में पूरे देश के शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम सेबातचीत की। एक घंटे तक चली बातचीत के दौरानश्री ‘निशंक’ ने अन्‍य बातों के अलावा स्कूल की परीक्षाओं, प्रवेश परीक्षाओं आदि से संबंधित छात्रों की विभिन्न चिंताओं और प्रश्नों के जवाब दिये। Interacting with teachers, parents and students on upcoming competitive/board exams. #EducationMinisterGoesLive @EduMinOfIndia @SanjayDhotreMP @PIB_India @MIB_India @DDNewslive https://t.co/qOsUBJ2J30 — Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) December 10, 2020 इस अवसर पर श्री पोखरियाल ने कहा कि छात्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि हम सभी कोइस शिक्षा नीति को बहुत सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने में सहयोग करने की मांग की। उन्‍होंने उम्मीद जाहिर की कि छात्र जल्द ही सामान्य रूप से अपने स्कूलों में लौट आएंगे। उन्‍होंने छात्रों से कोविड के बारे मेंजारीसभी सावधानियों और दिशा-निर्देशों का पालन करने और अपनी पढ़ाई जारी रखने का अनुरोध किया। छात्रों को संबोधित करते हुएउन्होंने यह सुझाव दिया कि छात्र इस समय का उपयोग पैन फ्रेंड संस्कृति को दोबारा जीवित करने के लिए कर सकते हैं। एसएमएस, व्हाट्सएप की वर्तमान प्रवृत्ति से आगे बढ़कर दोस्तों को पत्र लिखने की यह प्रवृत्ति अधिक प्रसन्‍नता और खुशी लाएगी। इससे छात्रों कालेखनकौशल भी बढ़ेगा। "मेरी पुस्तक, मेरे मित्र अभियान" में छात्रों की सक्रिय भागीदारी का स्‍मरण करते हुए श्री ‘निशंक’ने छात्रों से पुस्‍तकेंपढ़ने की आदत को जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों को यह भी सुझाव दिया कि वे अपने मित्रों, संबंधियों तथा अन्‍य लोगों को जन्मदिन के उपहार के रूप में पुस्‍तकें प्रदान करें। उन्होंने कहा किइससेशिक्षण और सीखने की संस्कृति का विकास और निर्माण होगा। उन्होंने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि लॉकडाउन के दौरान भी सीखने और सिखाने की प्रक्रिया जारी रही। कोविड के दौरान शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों के बारे मेंउन्होंने पीएम ई-विद्या के बारे में जानकारी दी,जो डिजिटल/ऑनलाइन/रेडियो माध्यम से करोड़ों छात्रों को लाभान्वित कर रही हैं। इसके अलावा उन्‍होंनेदीक्षा, स्वयंप्रभा, आईआईटी पोर्टल का भी जिक्र किया। इन कार्यक्रमों ने शिक्षा की पहुंच और उपलब्धता को मजबूत बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय ने कोविड के दौरान सभी छात्रों की शिक्षा को सक्षम बनाने के लिए नियमित दिशा-निर्देश और प्रज्ञातादिशा-निर्देश, शैक्षणिक कैलेंडरजैसे एसओपी जारी किए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एनईईटी और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गईंऔर इन परीक्षाओं में भाग लेने वाले प्रत्येक छात्र की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई। उन्‍होंने कहा कि भारत और कई देशों में छात्रों को परामर्श सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक टोल फ्री टेली काउंसलिंग शुरू की गई थी। जेईई परीक्षा के पाठ्यक्रम और तिथियों के संबंध में छात्रों द्वारा व्‍यक्‍त की गई चिंताओं के बारे मेंउन्‍होंने कहा कि जेईई (मुख्य परीक्षा) 2021 के बारे में यह सुझाव प्राप्‍त हुआ है कि उक्‍त परीक्षा एक वर्ष में चार बार आयोजित की जाए। इस बारे मेंसकारात्मक रूप से विचार जा रहा है। यह परीक्षा फरवरी के अंत में शुरू होकर उसके बाद मार्च, अप्रैल और मई-2021में हर बार3-4 दिनों में आयोजित करने का सुझाव मिला है। 

Similar News