कचारगढ़ मेला 17 से, जुटेंगे पूरे देश के आदिवासी, चलेंगी 11 स्पेशल बसें

कचारगढ़ मेला 17 से, जुटेंगे पूरे देश के आदिवासी, चलेंगी 11 स्पेशल बसें

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-07 10:59 GMT
कचारगढ़ मेला 17 से, जुटेंगे पूरे देश के आदिवासी, चलेंगी 11 स्पेशल बसें

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। एशिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक कचारगढ़ गुफा में 17 से 22 फरवरी के दौरान राष्ट्रीय गोंडियन सांस्कृतिक महोत्सव, कचारगढ़ यात्रा का आयोजन किया गया है। उनकी सुविधा के लिए रापनि के गोंदिया डिपो ने इस वर्ष यात्रा के दौरान प्रतिदिन 11 बसें चलाने का निर्णय लिया है। गोंदिया डिपो की प्रबंधक संजना पटले ने जानकारी देते हुए बताया कि गोंदिया डिपो से प्रतिदिन सालेकसा के लिए 3 से 4 बसें चलती हैं। इन बसों को यात्रा के दौरान सालेकसा के सामने कचारगढ़ तक बढ़ाया जाएगा। लाखों यात्रियों की संख्या ध्यान में लेते हुए इस वर्ष 17 से 22  फरवरी के दौरान स्पेशल 11 बसे गोंदिया डिपो से कचारगढ़ तक चलाई जाएगी। 

ट्रेन से भी पहुंचते हैं बड़ी संख्या में यात्री
बता दें कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मार्ग पर यात्रा स्थल होने के कारण देश के विभिन्न सुदूर राज्यों से भक्तगण ट्रेन से पहुंचते हैं। इसलिए उनकी सुविधा के लिए सालेकसा, आमगांव एवं गोंदिया रेलवे स्थानक से कचारगढ़ तक तथा गोंदिया से लेकर कचारगढ़ तक स्पेशल बसें प्रतिदिन चलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि यात्रा के दौरान यात्रियों की भीड़ अधिक होती है, तो समय पर बस फेरियां बढ़ाई जाएगी। यात्रा के 6  दिनों के दौरान स्पेशल बस फेरियों के माध्यम से लगभग 6 लाख रुपए आय की आशा विभाग को है। 

उल्लेखनीय है कि कचारगढ़ को आदिवासी गोंड समाज का उद्गम स्थल कहा जाता है। गुफा में अपने पूर्वज तथा आदिवासी के धर्म संस्थापक पारी कोपार लिंगो व कलीकंकाली मां के दर्शन करने के लिए देश के 16 राज्यों के आदिवासी कोयापूनेम के दिन कचारगढ़ गुफा पहुंचते हैं।

समय पर बढ़ सकती हैं फेरियां 
प्रतिवर्ष की यात्रियों की संख्या ध्यान में लेते हुए फिलहाल कचारगढ़ के लिए यात्रा के दौरान प्रतिदिन 11 स्पेशल बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। यदि यात्रियों की भीड़ बढ़ती है, तो निश्चित रूप से उनकी सुविधा के लिए बस फेरियां बढ़ाई जाएगी।
- संजना पटले, डिपो प्रबंधक गोंदिया

 

 

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