महिला अस्पताल में बिस्तरों की कमी, नागपुर रेफर कर दिए जाते हैं मरीज

महिला अस्पताल में बिस्तरों की कमी, नागपुर रेफर कर दिए जाते हैं मरीज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-19 12:17 GMT
महिला अस्पताल में बिस्तरों की कमी, नागपुर रेफर कर दिए जाते हैं मरीज

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। महिला सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमराई गई है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इसके चलते जिला महिला अस्पताल अपनी बदहाली के लिए आए दिन सुर्खियों में बना रहता है। इन दिनों अस्पताल में बिस्तरों की कमी के चलते मरीजों को उपचार के लिए नागपुर में रेफर किया जा रहा। बता दें कि अस्पताल में मरीजों की क्षमता के लिए बिस्तरों की संख्या 135 है, लेकिन मरीजों की संख्या 222 होने से बिस्तरों की कमी के चलते 17 और 18 नवंबर दो दिनों में 7 से 8 मरीजों को उपचार के लिए नागपुर रेफर किया गया।

प्रसूति के लिए आती हैं महिलाएं
गौरतलब है कि जिले में एकमात्र सरकारी महिला अस्पताल होने से बड़ी संख्या में महिला मरीज प्रसूति के लिए अस्पताल में आती हैं। जबसे अस्पताल मेडिकल कॉलेज के अधीन गया हैं, जिससे नागरिकों की अपेक्षाएं भी काफी बढ़ चुकी हैं। लेकिन बद इंतजामी के चलते आए दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या ज्यादा नहीं होने से मजबूरन मरीजों को नागपुर या अन्य निजी अस्पतालयों में जाना पड़ता है।

अस्पताल में बिस्तरों का टोटा
अस्पताल में 135 बिस्तरों की व्यवस्था ही उपलब्ध है, लेकिन यहां प्रतिदिन मरीजों की संख्या 200 से अधिक होती है। 18 नवंबर को शासकीय रिकार्ड के अनुसार 222 मरीज दाखिल थे। इसके अलावा अस्पतालय में 400 के करीब प्रतिमाह प्रसूति की व्यवस्था है। लेकिन वर्तमान में 800 के करीब प्रसूति यहां करवाई जा रही हैं। जब्कि अक्टूबर में 790 प्रसूति करवाई गई थीं। जिसमें 521 नॉर्मल थी।

ऑपरेशन कक्ष बदहाल 
अस्पताल में ऑपरेशन कक्ष एक ही हैं। जिसमें एक समय में 2 मरीजों की शल्यचिकित्सा की जा सकती हैं। इस बीच अनेक महिला मरीजों को प्रसूति के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ता हैं। इसके अलावा रात के समय एनेस्थेसिया उपलब्ध नहीं होने से परेशानी होती है, जो गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में डालने का कार्य है। इसी तरह अस्पताल में आईसीयू कक्ष की व्यवस्था तक नहीं है। यहां महिला मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें निजी अस्पतालय या फिर नागपुर रैफर करना पड़ता है।

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