पीने योग्य पानी की कमी एक बड़ी समस्या
पीने योग्य पानी की कमी एक बड़ी समस्या
डिजिटल डेस्क, अमरकंटक/अनूपपुर। जल संसाधनों के बेहतर उपयोग और प्रबंधन के बारे में छात्रों को जागरूक करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें प्रमुख रूप से सैटेलाइट की मदद से जल प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया गया। जिसमें बताया गया कि सेटेलाइट की मदद से जल संरक्षण के ठोस तथा प्रभावशाली उपाय किए जा रहे हैं।
मुख्य अतिथि नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सीबीएस दत्त ने जीवन में जल के महत्व को रेखांकित करते हुए इसके बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा सेटेलाइट के आरएस और जीआईएस तकनीक के माध्यम से जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इसके लिए युवा वैज्ञानिकों को नई तकनीक की मदद से इन चुनौतियों का समाधान करना होगा। डीन प्रो. नवीन शर्मा और कार्यशाला संयोजक डॉ. तरूण ठाकुर ने बताया कि भारत में पीने योग्य जल की उपलब्धता और सफाई न होने की वजह से प्रतिदिन बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो रही है। यदि समस्या पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह चुनौती और अधिक विकराल हो जाएगी।