दो लोगों को घायल कर घर में घुसा तेंदुआ, इलाके में दहशत

दो लोगों को घायल कर घर में घुसा तेंदुआ, इलाके में दहशत

Anita Peddulwar
Update: 2018-03-28 05:26 GMT
दो लोगों को घायल कर घर में घुसा तेंदुआ, इलाके में दहशत

डिजिटल डेस्क , गोंदिया। समीप ग्राम मुरदोली में उस समय लोग दहशत में आ गए जब दो लोगों को घायल करते हुए एक तेंदुआ एक शख्स के घर में जा घुसा। घटना गोरेगांव वनपरिक्षेत्र  की है। इस बीच वनविभाग कर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर सभी को चकमा देकर तेंदुआ जंगल की ओर भागने में सफल रहा। 

जंगल समीप सटे गांवों में दहशत
बता दें कि मुरदोली ग्राम यह नागझिरा अभियारण्य एवं चुलबंद जलाशय से सटकर है। महुआ फूल का सीजन होने से ग्रामीण सुबह ही महुआफूल चुनने जाते है। राजकुमार सलामे सुबह क्षेत्र में महुआ चुनने गया था। इसी दौरान तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। राजकुमार की सतर्कता से तेंदुआ वहां से भाग गया और ग्राम के ही रंजीत कोडवते पर तेंदुए ने हमला किया और अपनी जान बचाने के लिए सूरज आहाके के घर में घुस गया।  घटना की जानकारी मिलते ही एंबुलेंस, वनविभाग एवं वन्यजीव अधिकारी, कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंच गए।

घायलों का उपचार जारी
दोनों घायलों का डा.मधुकर पटले एवं उनकी टीम ने प्राथमिक उपचार कर राजकुमार सलामे को गोंदिया मेडिकल कालेज में भर्ती किया। डीएफओ एस.युवराज, सहायक वनसंरक्षक एन.एस.शेंडे, पवार, के मार्गदर्शन में टास्कफोर्स एवं एनजीओ की मदद से घर में घुसे तेंदुए को पिंजरे में कैद करने के लिए जाल बिछाया गया। लगभग 6 घंटा रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। ऐसे में तेंदुए ने चालाकी से वनविभाग की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर  लगभग दोपहर 1 बजे भागने में कामयाब रहा। बताया जाता है कि तेंदुए को पकडऩे के लिए बिछाए गए दोनों जाल के मध्य से वह भाग निकला।  

विभाग कर रहा पकड़ने का प्रयास
जानकारी मिलते ही उपवन संरक्षक अधिकारी एस. युवराज के मार्गदर्शन में तेंदुए को सुरक्षित पकडऩे के लिए जाल व पिंजरा लगाया गया था, लेकिन तेंदुआ भाग गया। इस घटना में दो ग्रामीण एवं एनजीओ का एक कर्मचारी घायल हो गए है। घायलों को उपचार हेतु भर्ती किया गया। 
- एन.एस. शेंडे,  सहायक वनसंरक्षक गोंदिया

आग से बचने भाग रहे वन्यप्राणी
यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि तेंदूपत्ता एवं महुआफूल का सीजन शुरू होते ही जंगलों में बड़े पैमाने पर आग लगाई जाती है। इस आग में पशु, पक्षियों की मौत हो जाती है। आग से बचने के लिए वन्यप्राणी ग्राम की ओर भागते है। वहीं महुआफूल चुननेवालों की आवाज से भी वन्यप्राणी अपना रूख ग्राम की ओर करते है। वनविभाग से इसे गंभीरता से लेकर जंगल में गश्त बढ़ाने की मांग की जा रही है।
 

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