अंडर-सी केबल लिंक: PM ने अंडमान को दी सबमरीन फाइबर केबल की सौगात, कहा- टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर होगी पहचान
अंडर-सी केबल लिंक: PM ने अंडमान को दी सबमरीन फाइबर केबल की सौगात, कहा- टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर होगी पहचान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (10 अगस्त) अंडमान निकोबार के लिए फाइबर केबल की शुरुआत की। यह फाइबर केबल चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक समुद्र के अंदर बिछाई गई है। इसकी मदद से अंडमान में अब इंटरनेट की स्पीड काफी तेज होगी। करीब 2300 किलोमीटर लंबी सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (अंडर-सी केबल लिंक) का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इस प्रोजेक्ट के जरिए अंडमान निकोबार में कनेक्टविटी मजबूत होगी और इसकी टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर पहचान भी होगी। इन केबल्स के जरिए अधिकतम 400 Gbps की इंटरनेट स्पीड मिलेगी।
#WATCH Live from Delhi - PM Narendra Modi inaugurates via video conferencing the submarine Optical Fibre Cable (OFC) connecting Chennai and Port Blair. https://t.co/ga8c2W2IJt
— ANI (@ANI) August 10, 2020
पीएम ने कहा, हमारा समर्पण रहा है कि, देश के हर नागरिक, हर क्षेत्र की दिल्ली से और दिल से, दोनों दूरियों को पाटा जाए। देश के हर जन, हर क्षेत्र तक आधुनिक सुविधाएं पहुंचे, उनका जीवन आसान बने। हमारा समर्पण रहा है कि, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर एरिया और समुद्री सीमा से जुड़े क्षेत्रों का तेजी से विकास हो। अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, ईज ऑफ लिविंग (Ease of Living) के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने कहा, नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए, करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टविटी (Submarine Optical Fibre Cable Connectivity) परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि अब इसका काम पूरा हुआ है और आज इसके लोकार्पण का भी सौभाग्य मुझे मिला। चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्ट ब्लेयर से स्वराज द्वीप तक अंडमान निकोबार के एक बड़े हिस्से में ये सेवा आज से शुरु हो चुकी है। मैं अंडमान-निकोबार के लोगों को अनंत अवसरों से भरी इस कनेक्टिविटी के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
पीएम ने कहा, समंदर के भीतर करीब 2300 किलोमीटर तक केबल बिछाने का ये काम समय से पहले पूरा करना, अपने आप में बहुत प्रशंसनीय है। गहरे समंदर में सर्वे करना, केबल की क्वालिटी मेनटेन रखना, विशेष जहाजों के जरिये केबल को बिछाना इतना आसान भी नहीं है। जितना बड़ा ये प्रोजेक्ट था, उतनी ही विराट चुनौतियां थीं। ये भी एक वजह थी कि बरसों से इस सुविधा की जरूरत महसूस होते हुए भी इस पर काम नहीं हो पाया था। लेकिन मुझे खुशी है कि सारी रुकावटों को किनारे करके, इस काम को पूरा किया गया।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ये भी कहा-
- अब अंडमान निकोबार के लोगों को भी मोबाइल कनेक्टिविटी और तेज इंटरनेट की वही सस्ती और अच्छी सुविधाएं मिल पाएगी, जिसके लिए आज पूरी दुनिया में भारत अग्रणी है।
- हिंद महासागर हजारों वर्षों से भारत के व्यापारिक और सामरिक सामर्थ्य का सेंटर रहा है। अब जब भारत हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) में व्यापार-कारोबार और सहयोग की नई नीति और रीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
- आइलैंड के बीच और बाकी देश से वॉटर कनेक्टविटी (Water Connectivity) की सुविधा को बढ़ाने के लिए कोची शिपयार्ड में जो 4 जहाज बनाए जा रहे हैं, उनकी डिलिवरी भी आने वाले कुछ महीनों में हो जाएगी।
- आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में, वैश्विक आपूर्ति (Global Supply) और वैल्यू चेन (Value Chain) के एक अहम प्लेयर के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे जलमार्ग (Waterways) और हमारे बंदरगाहों के नेटवर्क को सशक्त करना बहुत जरूरी है।
- अब ग्रेट निकोबार में करीब 10 हजार करोड़ की संभावित लागत से ट्रांसिप्मेंट पोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव है। कोशिश है कि आने वाले 4-5 साल में इसके पहले फेस को बनाकर तैयार कर लिया जाए। एक बार जब ये पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां बड़े-बड़े जहाज़ भी रुक पाएंगे। इससे समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी, हमारे युवाओं को नए मौके मिलेंगे।
- आज जितना भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर अंडमान निकोबार में तैयार हो रहा है, वो ब्लू इकॉनॉमी को भी गति देगा। ब्लू इकॉनॉमी का एक अहम हिस्सा- मछली पालन, एक्वाकल्चर (Aquaculture) और समुद्री खरपतवार खेती (Sea Weed farming) है। मुझे उम्मीद है, हमारे आज के प्रयास, इस दशक में अंडमान-निकोबार को, वहां के लोगों को, न सिर्फ नई सहूलियत देंगे बल्कि वर्ल्ड टूरिस्ट मैप में भी प्रमुख स्थान के तौर पर स्थापित करेंगे।