लोकवाणी : (आपकी बात-मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ) प्रसारण तिथि-रायपुर,13 सितंबर, 2020

लोकवाणी : (आपकी बात-मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ) प्रसारण तिथि-रायपुर,13 सितंबर, 2020

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-09-14 11:25 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायपुर। विषय : "समावेशी विकास, आपकी आस " एंकर - सभी श्रोताओं को नमस्कार, जय जोहार। - लोकवाणी की दसवीं कड़ी के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी आकाशवाणी के रायपुर स्टूडियो पधार चुके हैं। - माननीय मुख्यमंत्री जी, आपका बहुत-बहुत स्वागत है। माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब - सुवागत बर धन्यवाद। जम्मो सुनइया, दाई-दीदी, सियान-जवान अउ लइका मन ला जय जोहार, नमस्कार। - मोला अब्बड़ खुसी लागथे के देखत-देखत लोकवाणी के दसवीं कड़ी आ गे हे। आप मन बड़ जतन ले ये काम करत हव। - सुनइया मन के प्यार अउ दुलार के कारन ही हमर ये संवाद हा बने सफल होथे। आप मन सुरता करके सुनथौ, अउ अपन प्रतिक्रिया घलौ भेजथौ। तेकर बर साधुवाद। - प्रश्न पुछइया अउ सुझाव देवइया मन ल घलो साधुवाद। काबर के आप मन के बिना तो ये कार्यक्रम हो ही नहीं सकय। एंकर - माननीय मुख्यमंत्री जी, आज का विषय है- ‘समावेशी विकास-आपकी आस’। आपसे निवेदन है कि सबसे पहले समावेशी विकास के बारे में अपनी अवधारणा/अपने विचारों पर प्रकाश डालने की कृपा करें। माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब - समावेश का सरल अर्थ होता है- समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना, सभी की भागीदारी, सबके विकास की व्यवस्था। - ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के वेदवाक्य में भी यही भावना है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत है। - सवाल उठता है कि प्रचलित व्यवस्था में किसका समावेश नहीं है? कौन छूटा है? तो सीधा जवाब है कि जिसे संसाधनों पर अधिकार नहीं मिला, जिसके पास गरिमापूर्ण आजीविका का साधन नहीं है, विकास के अवसर नहीं हैं या जो गरीब है। वही वर्ग तो छूटा है। - हमारी प्रचलित अर्थव्यवस्था में किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं की भागीदारी बहुत कम रही है। ऐसा नहीं है कि प्रयास शुरू ही नहीं हुए बल्कि यह कहना उचित होगा कि वह मुहिम कहीं भटक गई, कहीं जाकर ठहर गई। - थोड़ा पीछे जाकर देखें तो महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, शास्त्री, आजाद, मौलाना जैसे हमारे नेता जिस न्याय की बात करते थे, उसी साझी विरासत से हमें छत्तीसगढ़ी मॉडल मिला है। - नेहरू जी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पंचवर्षीय योजनाओं का सिलसिला शुरू किया था। उसी की बदौलत भारत की बुनियाद हर क्षेत्र में, विशेष तौर पर आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में मजबूत हुई थी। - इस 11वीं पंचवर्षीय योजना काल (2007 से 2012) में भारत की अर्थव्यवस्था में ‘समावेशी विकास’ की अवधारणा को काफी मजबूती के साथ रखा गया था। याद कीजिए कि उस समय यूपीए की सरकार थी और प्रधानमंत्री थे श्री मनमोहन सिंह अर्थात देश की बागडोर कुशल अर्थशास्त्री के हाथों में थी। - लक्ष्य था कि देश की जीडीपी अर्थात सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक लाना है। - यह भी तय हुआ था कि विकास दर को लगातार 10 प्रतिशत तक बनाए रखना है ताकि वर्ष 2016-17 तक प्रति व्यक्ति आय को दोगुना किया जा सके। - 12वीं पंचवर्षीय योजना काल 2012 से 2017 के लिए भी जीडीपी को 9 से 10 प्रतिशत के बीच टिकाए रखने का लक्ष्य रखा गया था। - आज भारत की विकास दर 3 प्रतिशत के आसपास है। वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश की विकास दर में लगभग 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो दुनिया में सर्वाधिक गिरावट है। - कोरोना की समस्या तो पूरी दुनिया में है। अमेरिका के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित होने के बावजूद वहां की जीडीपी मात्र 10 प्रतिशत गिरी है। जबकि भारत की जीडीपी दुनिया में सर्वाधिक 24 प्रतिशत गिरी है। इस हालात को समझना होगा। - लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश और प्रदेश की आर्थिक- सामाजिक समस्याओं का समाधान, समावेशी विकास से ही संभव है। हम अपने राज्य में समावेशी विकास की अलख जगा रहे हैं और इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। - मार्च 2020 की स्थिति में केवल एम्स रायपुर में ही कोविड टेस्टिंग की सुविधा थी। जिसे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती थी। आज की स्थिति में राज्य के सभी 6 शासकीय मेडिकल कॉलेज, 4 निजी लैब में आरटीपीसीआर टेस्ट, 30 लैब में ट्रू-नाट टेस्ट तथा 28 जिला अस्पतालों सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड एंटीजन किट से टेस्ट की व्यवस्था कर दी गई है। - मार्च 2020 में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार की सुविधा केवल एम्स रायपुर में थी, लेकिन राज्य शासन ने सुनियोजित कार्ययोजना से अब तक 29 शासकीय, 29 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, 186 कोविड केयर संेटर की स्थापना कर दी है। 19 निजी अस्पतालों को भी उपचार हेतु मान्यता दी गई है। - मार्च 2020 की स्थिति में 54 आईसीयू बिस्तर तथा 446 जनरल बेड उपलब्ध थे, जिसमें बढ़ोतरी करते हुये अब 776 आईसीयू बेडस् तथा 28 हजार 335 जनरल बेड उपलब्ध करा दिए गए हैं, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। - राज्य के सर

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