माड़ा एसडीएम का रीडर 5 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ाया

माड़ा एसडीएम का रीडर 5 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ाया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-08 09:24 GMT
माड़ा एसडीएम का रीडर 5 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ाया

-लोकायुक्त टीम ने की कार्रवाई, आरोपी रीडर विद्याधर द्विवेदी व एक अन्य सहायक पर की गई कार्रवाई
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)
। एसडीएम कोर्ट माड़ा में उस समय हडक़म्प की स्थिति बन गयी, जब अचानक लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय रीवा की 15 सदस्यीय टीम कार्यालय के अंदर दाखिल हो गयी। वहां पर पदस्थ एसडीएम माड़ा रवि मालवीय के रीडर विद्याधर द्विवेदी पिता अवध शरण द्विवेदी उम्र 52 वर्ष सहायक ग्रेड-3 व एक अन्य प्राइवेट महिला कम्प्यूटर ऑपरेटर को 5000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों टीम ने दबोच लिया। आरोपी रीडर ने शिकायतकर्ता राजलाल पनिका से भूमि धारा 170 ख के तहत नामांतरण कराने के एवज में यह रकम मांगी थी। पीडि़त ने जिसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रीवा राजेन्द्र कुमार वर्मा से की थी। शिकायतकर्ता राजलाल पनिका पिता रामबदन पनिका उम्र 48 वर्ष निवासी ग्राम कथुरा पोस्ट जरहां थाना माड़ा ने मंगलवार की दोपहर आरोपी रीडर को यह रकम जैसे ही दी। वैसे ही लोकायुक्त टीम ने आरोपी को दबोच लिया। उसके बाद आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई शुरू की गई। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रीवा श्री वर्मा के निर्देशन में हुई कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक प्रवेन्द्र सिंह ने किया। कार्रवाई में अनूप सिंह, घनश्याम मर्सकोले सहित 15 सदस्यीय टीम शामिल थी। दोपहर लगभग सवा दो बजे कार्रवाई शुरू की गई। पूछतांछ के दौरान लोकायुक्त टीम को एक प्राइवेट महिला कम्प्यूटर ऑपरेटर को भी सह आरोपी बनाया गया है। जिस पर भी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी। 
शिकायतकर्ता से संबंधित दस्तावेज खंगाले
माड़ा के एसडीएम कार्यालय में हुई इस कार्रवाई से महकमे में सनाका खिंच गया है। मामले को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जाता है कि रीडर श्री द्विवेदी अरसे से यहां पर पदस्थ थे, जिनकी लगातार शिकायतें स्थानीय लोगों के द्वारा की जा रही थीं। आरोपी रीवा जिले के ग्राम रामनगरी थाना शाहपुर हनुमना के रहने वाले हैं। दोपहर दो बजे से शुरू हुई कार्रवाई देर रात तक चलती रही। इस दौरान आरोपी को साथ रखते हुए कार्यालय में संबंधित दस्तावेज और कम्प्यूटर की छानबीन की गई। टीम में शामिल अलग अलग एक्सपट्र्स व राजपत्रित अधिकारियों ने मामले से संबंधित आरोप पत्र तैयार करने के साथ ही गहन छानबीन की। देर रात तक लोकायुक्त टीम की कार्रवाई जारी थी।
महीनों से रहा था टरका
बताया जाता है कि शिकायतकर्ता को आरोपी महीनों से नामांतरण के लिये टरका रहा था। उसके आने पर कोई न कोई बहाना बना देता था। भूमि नामांतरित करने के एवज में उसने 5 हजार रूपये की मांग की थी। जिससे आजिज आकर फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी।
 

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