मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की
मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, खेल संहिता का कड़ाई से पालन करने की बात दोहराई युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) से खेल संहिता के प्रावधानों का अनुपालन करने और अपने विधान और उप-नियमों में खेल संहिता के प्रावधानों के अनुरूप जरूरी संशोधन करने के लिए कहा है। संयुक्त सचिव (खेल) श्री एल. एस. सिंह ने 4 फरवरी 2021 को एनएसएफ के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक की और कहा कि एनएसएफ के लिए खेल संहिता प्रावधानों का पालन करना बाध्यकारी है। उन्होंने कहा कि जहां तक खेल संहिता प्रावधान लागू हैं, वहां तक एनएसएफ को ना सिर्फ अपने मामलों के प्रबंधन में खेल संहिता के प्रावधानों का पालन करना चाहिए, बल्कि अपने विधान/उप-नियमों में भी जरूरी संशोधन करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि खेल संहिता के साथ तालमेल बिठा सकें। एनएसएफ की मान्यता के नवीनीकरण के दौरान, महासंघों को अपने विधान/उप-नियमों को खेल संहिता के अनुरूप ढालने के लिए 6 महीने का समय दिया गया है। इनमें से 5 एनएसएफ को उनकेखेल की विशेष प्रकृति के कारण अपने विधान/उप-नियमों को खेल संहिता के अनुरूप ढालने के लिए एक वर्ष का समय दिया गया है। संयुक्त सचिव (खेल) ने साफ तौर पर कहा है कि ये संशोधन बिना किसी देरी के और निर्धारित समय-सीमा के भीतर होने चाहिए। एनएसएफ को यह भी सूचितकिया गया किइसके बाद समयसीमा में किसी तरह का विस्तार संभव नहीं होगा। साथ ही यह भी दोहराया गया कि किसी भी एनएसएफ द्वारा खेल संहिता के पालन में असफल होने पर संबंधित एनएसएफ की मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा। बैठक में, संयुक्त सचिव (खेल) ने बताया कि कुछ एनएसएफ ने पहले ही अपने विधान/उप-नियमों में संशोधन कर लिए हैं जिनकी जांच मंत्रालय कर रहा है। एनएसएफ के प्रतिनिधियों ने, जहां इस बैठक को आयोजित करने के लिए खेल मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की, तो वहीं मंत्रालय को यह भी सूचित किया कि खेल संहिता के अनुरूप उन्होंने अपने विधान में पहले ही संशोधन कर लिए हैं और यह भी भरोसा दिलाया कि खेल संहिता के प्रावधानों के अनुसार, अगर जरूरत पड़ी तो वह आगे भी संशोधन करेंगे। मंत्रालय ने एनएसएफ को हर पखवाड़े में खेल संहिता प्रावधानों के अनुपालन से जुड़ी सूचना मंत्रालय को उपलब्ध कराने के लिए कहा ताकि दिल्ली उच्च न्यायालय को भी इससे अवगत करवाया जा सके क्योंकि इस मामले की निगरानी दिल्ली उच्च न्यायालय कर रहा है।