मुरैना: किसानों के पंजीयन को भू-अभिलेख के डाटाबेस पर आधारित किया जायेगा
मुरैना: किसानों के पंजीयन को भू-अभिलेख के डाटाबेस पर आधारित किया जायेगा
डिजिटल डेस्क, मुरैना। विगत रबी एवं खरीफ की भांति इस वर्ष भी किसानों के पंजीयन को भू-अभिलेख के डाटाबेस पर आधारित किया जायेगा। किसान की भूमि एवं फसल के बोये गये रकबे की जानकारी गिरदावरी डाटाबेस से ली जायेगी, जिससे पुनः सत्यापन की आवश्यकता नहीं रहेगी। संयुक्त खातेदार क्रषकों को अनुपातिक रकबे अनुसार प्रथक प्रथक पंजीयन कराने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने बताया कि गिरदावरी में दर्ज फसल के रकबे का सत्यापन रेण्डम आधार पर कराकर रिपोर्ट विभाग को प्रेषित की जायेगी। इस वर्ष पंजीयन के तकनीकी साधनों को विस्तारित किया गया है, जिसमें मोबाइल एप्लीकेशन एवं बेव एप्लीकेशन दोनों सम्मिलित है, क्रषक स्वयं भी पंजीयन कर सकते हैं। चूंकि पंजीयन व्यवस्था में आंशिक संशोधन है। इस हेतु प्रत्येक स्तर पर ओरिऐंटेशन प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण की सघन आवश्यकता होगी। क्रषकगण पंजीयन निर्धारित समय से करा लें। इस हेतु पंचायतों, ग्राम सभाओं, प्राथमिक सहकारी संस्थाओं से एसएमएस के माध्यम से भी आवश्यक सूचनओं का संचार किया जाना आवश्यक होगा। किसान पंजीयन दिनांक 25 जनवरी से 20 फरवरी तक किया जायेगा।
पंजीयन केन्द्रों पर प्रातः 9 बजे से सांयकाल 7 बजे तक समस्त कार्य दिवसों में किया जायेगा। क्रषकों को अधिक सशक्त करने, संस्थाओं, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पर निर्भरता तथा पंजीयन केन्द्रों पर कार्य के दबाव को कम करने के लिये भूमि स्वामियों को पंजीयन के निम्न विकल्प उपलब्ध होंगे- एमपी किसान एप, ई-उपार्जन मोबाइल एप, पब्लिक डोमेन में इ-उपार्जन पोर्टल पर, विगत वर्ष के रबी उपार्जन केन्द्रों पर। ये पंजीयन साधनों का उपयोग क्रषकों द्वारा व्यक्तिगत मोबाइल एवं कम्प्यूटर के अतिरिक्त व्यक्तिगत अथवा बाहय साधनों से भी किया जा सकेगा। प्राथमिक क्रषि साख संस्थायें जिनके द्वारा विगत वर्ष गेहूं अनाज का उपार्जन किया गया है के द्वारा पंजीयन किया जा सकेगा। पंजीयन लॉगिन से भू स्वामी, सिकमी, क्रषक एवं वन पटटाधारी का पंजीयन किया जा सकेगा। आशय यह है कि सिकमी क्रषक एवं वन पटटाधारी का पंजीयन मात्र पंजीयन केन्द्र पर ही हो सकेगा। पंजीयन हेतु वही संस्थायें पात्र होंगी जिनके द्वारा गत रबी विपणन वर्ष 2020-21 में गेंहू अनाज का उपार्जन कार्य किया गया हो। इन संस्थाओं को ई उपार्जन पोर्टल पर एनआईसी द्वारा खाते, कम्प्यूटर ऑपरेटर आदि का विवरण जिला उपार्जन समिति के अनुमोदन उपरांत डीएससी/डीएसओ द्वारा अपने लॉगिन से प्रविष्टि करेंगे।