माँ-बेटे सड़क दुर्घटना में हुए थे घायल पर तीन साल बाद भी नहीं मिला क्लेम

माँ-बेटे सड़क दुर्घटना में हुए थे घायल पर तीन साल बाद भी नहीं मिला क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-17 09:27 GMT
माँ-बेटे सड़क दुर्घटना में हुए थे घायल पर तीन साल बाद भी नहीं मिला क्लेम

पॉलिसी धारकों ने कहा- बीमा कंपनियों पर प्रशासन करे कार्रवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर
।  बीमा कंपनियाँ एजेंटों व ऑफिस स्टाफ के माध्यम से लगातार लोगों को बीमित कराने पॉलिसी बेचते हैं। बीमित व्यक्ति को तरह-तरह के लुभावने वादे भी करते हैं। कई बीमा कंपनियों के लोग यहाँ तक कह देते हैं कि पहले दिन से बीमा लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। तरह-तरह के ऑफर में आकर आम लोग बीमा कंपनियों के झाँसे में आ जाते हैं और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीद लेते हैं। पीडि़तों का आरोप है कि हमें इनकी कारगुजारी का पता तब चलता है, जब हमें कैशलेस की जरूरत होती है। जरूरत के हिसाब से हम लगातार इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री-नंबर पर या स्थानीय ऑफिस व अधिकारियों से संपर्क करते हैं, तो हमें किसी तरह का लाभ नहीं दिया जाता। हमें अस्पतालों के बिल देने पड़ते हैं और उसके बाद बीमा कंपनियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। पॉलिसी धारक लगातार शिकायतें कर रहे हैं पर कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। अब पॉलिसी धारक प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि कठिन समय है तो कैशलेस तथा बिलों का भुगतान नहीं करने वाली बीमा कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाए। बीमा से संबंधित समस्या बताएँ इन नंबरों पर 7 इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
मैक्स बूपा नहीं दे रही राहत
विजय नगर गली नंबर 14 निवासी दीपिका अग्रवाल ने बताया कि उनके द्वारा सात साल से मैक्स बूपा इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी ली गई थी। हेल्थ पॉलिसी में उनकी बेटी व पति का भी नाम है। उनकी 23 नवम्बर 2020 को अचानक तबियत खराब हो गई थी। जिसके कारण स्वास्तिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में हमारे द्वारा बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया गया पर अस्पताल प्रबंधन ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि बीमा कंपनी से कैशलेस की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने उपचार के बाद सारे बिल लिए और बीमा कंपनी को ऑनलाइन जमा किए। इसके अलावा एजेंट के माध्यम से भी सारे बिलों को कंपनी में जमा कराया गया पर सात माह बीत जाने के बाद आज तक बीमा क्लेम सेटल नहीं किया गया। उनके द्वारा लगातार बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर संपर्क किया जा रहा है पर वहाँ से जवाब नहीं दिया जा रहा है और अचानक क्लेम सेटल करने से इनकार कर दिया गया। पीडि़ता का आरोप है कि हम प्रति वर्ष 11 हजार 771 रुपए का प्रीमियम दे रहे हैं उसके बाद भी मैक्स बूपा कंपनी हमारे साथ धोखा कर रही है।
आज तक नहीं मिला बीमा क्लेम
बरगी डैम निवासी सुशील कुमार ने अपनी शिकायत में बताया है कि उन्हें व उनकी माँ गोकुल को हाइवा ने टक्कर मार दी थी। 6 जून 2018 को दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आम लोगों के द्वारा हमें पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया था और वहाँ से प्राथमिक उपचार के बाद जबलपुर हॉस्पिटल रसल चौक, इलाज कराने आ गए थे। वहाँ पर लंबे समय तक हमारा उपचार चला और उसके बाद मुखर्जी हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। इलाज में लाखों रुपए खर्च हुए। हमारा बीमा क्लेम ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी से था और कैशलेस नहीं होने के कारण हमारे द्वारा अस्पताल को पूरा भुगतान कर दिया गया था। इस दौरान हमारे द्वारा बीमा कंपनी में क्लेम किया गया। तीन साल से लगातार बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर व अन्य लोगों से संपर्क कर बीमा क्लेम सेटल करने के लिए कहा जा रहा है पर किसी तरह की सुनवाई नहीं हो रही है। पीडि़त ने बताया कि उनके द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से भी बीमा क्लेम सेटल कराने का प्रयास किया गया, लेकिन उसके बाद भी बीमा कंपनी से सहयोग नहीं मिल रहा है।

इनका कहना है
लिसी बैंक के माध्यम से दीपिका अग्रवाल द्वारा ली गई है। हमारे द्वारा संबंधित अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा गया। हम उन्हें क्लेम दिलाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें क्लेम का भुगतान करा दिया जाएगा।
-अनिल आर्य  मैक्स बूपा इंश्योरेंस कंपनी 
इनका कहना है
पॉलिसी नंबर के आधार पर जल्द ही सुशील के क्लेम प्रकरण की फाइल को सर्च कराकर भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उनका जो भी भुगतान है नियमानुसार कराने का प्रयास रहेगा।
-विनोद पंचपांडे ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी 
 

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