MP : प्रशासनिक अमले में होगा इजाफा, अतिरिक्त प्रभार देकर चल रहा काम
MP : प्रशासनिक अमले में होगा इजाफा, अतिरिक्त प्रभार देकर चल रहा काम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। लंबे समय से अफसरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के प्रशासनिक अमले में सरकार इजाफा करने का मन बना रही है। इसके लिए 5 साल बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कॉडर रिव्यू की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मसलन शासन ने विभागों के साथ ही जिलों के अधिकारियों से इन अफसरों की जरूरत का फीडबैक चाहा है। प्रदेश भर से अफसरों की कमी का डाटा जुटाने के बाद इस साल के अंत तक राज्य सेवा के अफसरों के पदों की संख्या में वृद्धि कर दी जाएगी।
दरअसल, 4-5 साल से सीधी भर्ती नहीं होने की वजह से राज्य प्रशासनिक सेवा का ढांचा गड़बड़ा गया है। अब भर्तियां शुरू हुई हैं तो स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। मौजूदा व्यवस्था में राज्य प्रशासनिक सेवा के सीधी भर्ती के 387 पद हैं। इतने ही पद पदोन्नति के हैं। इनमें जिलों के लिए 456 पद आरक्षित रखे गए हैं, लेकिन पदस्थापना इससे कहीं कम है। अन्य विभागों में भेजने के लिए 218 पद हैं, जबकि प्रतिनियुक्ति के लिए 55 पद हैं।
अतिरिक्त प्रभार देकर चला रहे काम
इसके पहले राज्य प्रशासनिक सेवा कॉडर का रिव्यू 2013 में किया गया था। इसके लिए उस समय 2012 में प्रक्रिया शुरू की गई थी। वर्तमान में स्वीकृत 774 पदों में से करीब सवा सौ से अधिक पद इस समय रिक्त हैं। बड़े जिलों में अपर, संयुक्त और डिप्टी कलेक्टर की संख्या जरूरत के हिसाब से कम है। इसके कारण अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाना पड़ रहा है, जिसका सीधा असर कामकाज पर पड़ रहा है।
निगम, मंडल, आयोगों को बतानी होगी जरुरत
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई विभागों के अधीन आने वाले निगम, मंडल, उपक्रम, आयोग, परिषद और निकायों में राज्य सेवा के अफसर पदस्थ हैं पर पद स्वीकृत नहीं हैं। विभाग यदि राज्य सेवा के अधिकारियों को यहां रखना चाहते हैं तो उन्हें जरूरत बतानी पड़ेगी। इसके आधार पर कॉडर रिव्यू में नए पद जोड़े जा सकते हैं। इसी तरह जहां राज्य सेवा के अधिकारियों की जरूरत नहीं है, लेकिन वे पदस्थ हैं तो उन पदों को समाप्त भी किया जाएगा।