साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल : मुस्लिम ने दान की हनुमान मंदिर के लिए जमीन

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल : मुस्लिम ने दान की हनुमान मंदिर के लिए जमीन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-01 14:26 GMT
साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल : मुस्लिम ने दान की हनुमान मंदिर के लिए जमीन

डिजिटल डेस्क, श्योपुर। साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए यहां 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान में दी है। श्योपुर के SDM आर बी सिण्डोसकर ने बताया, "श्योपुर के वार्ड नंबर-एक में रहने वाले जावेद अंसारी ने अपनी बगवाज गांव स्थित जमीन का एक हिस्सा वहां के "इमली वाले हनुमान मंदिर" समिति को दान में दी है। दान दी गई यह जमीन करीब 1905 वर्ग फुट की है।""

उन्होंने कहा, "जावेद अंसारी ने अपने स्वामित्व की भूमि में से हनुमान मंदिर के लिए जमीन दान करने का आवेदन दिया था। आवेदन के बाद जमीन के मालिक परिवार के सभी सदस्यों के बयान और सहमति से जमीन को "इमली वाले हनुमान मंदिर" समिति के नाम कर दिया गया है।" यह हनुमान मंदिर श्योपुर से करीब एक किलोमीटर दूर गुप्तेश्चर रोड स्थित मोतीपुर के पास बगवाज गांव में है। जमीन के मिल जाने से मंदिर में आने वाले भक्तों को अब बैठने के लिए जगह मिल जायेगी और इसकी चारदीवारी भी बन सकेगी।

SDM ने इस संबंध में 16 अगस्त को आदेश जारी कर कहा कि जावेद अंसारी द्वारा दान में दी गई इस जमीन की देखरेख अब "इमली वाले हनुमान मंदिर" समिति करेगी। उन्होंने कहा कि यह भूमि "इमली वाले हनुमान मंदिर" से सटी हुई है और अब समिति द्वारा उक्त भूमि पर चारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा।

आदेश में कहा गया है, "भू-स्वामी द्वारा स्वेच्छा से भूमि दान किया गया है। दान की भूमि में दोनों पक्षों की सहमति है।" बगवाज गांव स्थित "इमली वाले हनुमान मंदिर" समिति के अध्यक्ष राजू वैश्य ने बताया कि जावेद अंसारी ने अपने भाइयों परवेज, शहनाज, शोएब एवं शादाब से सलाह मशविरा कर यह जमीन मंदिर को दी है। यह जमीन मंदिर के नाम कर दी गयी है और अब समिति की देखरेख में है।

इसी बीच, जमीन दान देने वाले जावेद अंसारी ने बताया, "साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए मैंने यह जमीन हनुमान मंदिर को दान दी है। मेरा मानना है कि ऐसा काम करने से हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय के बीच भाईचारा बढ़ेगा।" वहीं, श्योपुर सद्भावना मंच ने जावेद के इस कदम का स्वागत किया और कहा है कि उसने मंदिर के लिए जमीन दान देकर हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की है।

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