देवास जिले के हेल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा एनसीडी प्रशिक्षण

देवास जिले के हेल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा एनसीडी प्रशिक्षण

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-12-17 09:14 GMT
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डिजिटल डेस्क, देवास। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के.के. कल्याणी ने बताया कि जिले मे हेल्थ एवं वेनलेस सेन्टर पर पदस्थ एएनएम, एमपीडब्ल्यू एवं सीएचओ को एनसीडी (गैर-संचारी रोग) अंर्तगत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डॉ. कल्याणी ने बताया कि हमारे सामने एक और बड़ी चुनौती मौजूद है जिसका संबंध गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते हुए मामलों के साथ है। गैर-संचारी रोग (एनसीडी) जिन्हें चिरकालिक (लंबे समय तक चलने वाले) रोग भी कहा जाता है एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं लगते। बीमारी होने में लंबा समय लगता है और शुरू में उसके लक्षण दिखाई नहीं देते। इनका इलाज वर्षों तक और कुछ मामलों में पूरे जीवनकाल तक चलता रहता है। ऐसे अनेक रोग हैं जो इस समूह के अधीन आते हैं। गैर-संचारी रोगों के प्रमुख प्रकार हैं मधुमेह, हृदय रोग, लकवा, कैंसर तथा चिरकालिक श्वसन रोग (जैसे चिरकालिक अवरोधी फुप्फुसीय रोग तथा दमा)। पुरुष, महिलाएं और सभी आयु वर्ग के लोग लंबे समय तक इन रोगों के शिकार होते हैं। उन्‍होंने बताया कि गैर-संचारी रोगों से जुड़ी एक सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि वे लोगों को जीवन के उपयोगी वर्षों में प्रभावित करते हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह और आमतौर पर होने वाले कैंसर सहित असंक्रामक रोगों के रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। असंक्रामक रोगों से अब बड़ी संख्या में रूपता और समयपूर्व मृत्यु होती है। इस पर तत्काल कार्रवाई हेतु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं कि भूमिका और जिम्मेदारियों के संबंध में एनसीडी प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। कार्यकर्ता को जांच, रोकथाम और अनुवर्ती चिकित्सा के कार्यों को करने से संबंधित जानकारी, कौशल और दक्षता प्रदान करने फ्रंटलाइन कार्यकर्ता का दायित्व भी बदल जाता है। सामान्य असंक्रामक रोगों का शीघ्र पता लगाने के लिए जनसंख्या आधारित स्क्रीनिंग करते हुए पुरुष और महिलाओं दोनों तक पहुंचते है। आशा कार्यकर्ता जो सामाजिक मोबिलाइजेशन और गृह आधारित परिचर्या तथा आउटरीच सेवा प्रदानगी जैसे प्रमुख कार्य करती हैं, स्वास्थ्य प्रणाली के अग्रणी कार्यकर्ता के तौर पर मातृ और बाल स्वास्थ्य से संबंधित संकेतकों के संबंध में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की होती है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर डॉ शशांक तिवारी, डीपीएम कामाक्षी दुबे, डीपीएचएनओ सुनिता सक्सेना, एमएंडई अधिकारी करणसिंह सदावत द्वारा गैर-संचारी रोग (एनसीडी) के संबंध में विकासखण्ड बरोठा, टोंकखुर्द, सोनकच्छ, बागली, कन्नौद, और खातेगांव के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं हेल्थ एवं वेनलेस सेन्टर पर पदस्थ एएनएम,एमपीडब्ल्यू एवं सीएचओ को अलग-अलग बेच मे दिया जा रहा है।

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