नया भू-प्रबंधन अधिनियम बनेगा, राजस्व संबंधी कई पुराने कानून होंगे समाप्त

नया भू-प्रबंधन अधिनियम बनेगा, राजस्व संबंधी कई पुराने कानून होंगे समाप्त

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-21 14:37 GMT
नया भू-प्रबंधन अधिनियम बनेगा, राजस्व संबंधी कई पुराने कानून होंगे समाप्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि राजस्व विभाग से संबंधित अप्रासंगिक कानून समाप्त किए जाएं और नए सरल कानून बनाए जाएं। राजस्व प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जाए। नया भू-प्रबंधन अधिनियम बनाया जाए। आम जनता के हित में राजस्व संबंधी यह कार्य समय-सीमा में क्रियान्वित किए जाएं। राजस्व संबंधी कार्य राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राजस्व प्रशासन को सिटीजन फ्रेण्डली बनाया जाए। 

सीएम चौहान गुरुवार को मंत्रालय में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली । बैठक में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव बीपी सिंह, राज्य भूमि सुधार आयोग के अध्यक्ष आईएस दाणी भी उपस्थित थे।
सीएम चौहान ने बैठक में कहा कि राजस्व विभाग में सभी रिक्त पदों पर भर्ती समय-सीमा में पूरी करें। राजस्व ग्रामों में कोटवारों की व्यवस्था को फिर से लागू करें। पटवारियों तथा अन्य राजस्व अमले की प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था की जाए। राजस्व विभाग में पदों का निर्धारण किया जाए। 

प्रोटोकॉल जैसे कार्यों के लिए अलग से कैडर 

सीएम चौहान ने कहा कि राजस्व अमले के काम निर्धारित किए जाएं। प्रोटोकॉल जैसे कार्यों के लिए अलग से अलग से कैडर बनाने पर विचार किया जाए। पशु संगणना तथा वर्षा मापन जैसे कार्यों को संबंधित विभागों को सौंपा जाए। राजस्व विभाग में रिकॉर्ड रूम की व्यवस्था सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए। राजस्व कोर्ट में विभिन्न स्तरों पर लंबित प्रकरणों को बैकलॉग को समाप्त करने का समयबद्ध कार्यक्रम बनाएं। उच्च न्यायालय के आदेशों को हिन्दी में अनुवाद करने की व्यवस्था की जाए। 

मोबाइल एप्प पर खसरे की नकल 

राजस्व मंत्री गुप्ता ने कहा कि राजस्व प्रकरणों में शासकीय वकील नियुक्त किएजाएं। मोबाइल एप्प पर खसरे की नकल उपलब्ध कराई जाए। पटवारियों की पदोन्नति की व्यवस्था बनाई जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में राजस्व खातों की संख्या एक करोड़ 41 लाख है। प्रदेश में राजस्व के प्रकरणों के निराकरण के लिएअभियान शुरू किया गया है। पिछले ड़ेढ़ माह में राजस्व संबंधी 4 लाख 86 हजार 260 प्रकरण निराकृत किएगएहैं। राजस्व विभाग में तकनीकी के उपयोग के लिएवेबजीआईएस, मॉर्डन रिकॉर्ड रूम, नक्शों का डिजीटाइजेशन, सर्वे प्रोजेक्ट तथा रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम क्रियान्वित किया जा रहा है।
 

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