नई रेत खनन नीति को शिवराज कैबिनेट की हरी झंडी

नई रेत खनन नीति को शिवराज कैबिनेट की हरी झंडी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-14 10:29 GMT
नई रेत खनन नीति को शिवराज कैबिनेट की हरी झंडी

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंगलवार को हई कैबिनेट की बैठक में रेत खनन, पोषणाहार तथा एमएसएमई संबंधी तीन नई नीतियां मंजूर की गईं। इन तीनों नीतियों के बारे में प्रेस ब्रीफिंग में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकरी दी।

रेत खनन नीति मंजूर

रेत खनन नीति के बारे में बताया गया कि यह एतिहासिक निर्णय है तथा इससे आम लोगों को सस्ती रेत मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। नीति के तहत जो 821 रेत खदानें अब तक नीलाम नहीं हुई हैं वे अब ग्राम पंचायतों के माध्यम से संचालित होंगी। आम लोग ऑनलाइन इसके लिए आवेदन करेंगे तथा उन्हे SMS के जरिए सूचना मिलेगी तथा वे संबंधित ग्राम पंचायत से रेत उठा सकेंगे। रेत सवा सौ रुपए घनमीटर पर मिलेगी। रेत परिवहन की जो भी जांच होगी वह ग्राम पंचायत में ही होगी तथा मार्ग में कोई चैकिंग नहीं होगी।  

अभी जिन ठकेदारों के पास रेत की खदानें हैं वे चाहे तो सरेंडर कर सकेंगे या सवा रुपए घनफीट की दर पर रेत बेच सकेंगे। इस सवाल पर कि व्यापारी भारी मात्रा में ग्राम पंचायतों से रेत उठा कर शहरों में मनमानी दर पर रेत बेचेंगे, नरोत्तम मिश्रा ने सीधा जवाब न देते हुए कहा कि जब रेत सभी जगह सुलभता से उपलब्ध होगी तो इसके दाम भी भी गिर जाएंगे। संबंधित ग्राम पंचायतों में रेत उत्खनन उनके द्वारा स्वयं होगा तथा इसकी योजना बनाने एवं पर्यावरण अनुमति लेने का काम संबंधित जिले के कलेक्टर करेंगे। नर्मदा नदी में मशीनों से रेत उत्खनन प्रतिबंधित रहेगा तथा ट्रेक्टर ट्रालियों से भी रेत का परिवहन हो सकेगा। खनिज रायल्टी का 50 रुपए संबंधित ग्राम पंचायत को, 50 रुपए संबंधित जिले को तथा 25 रुपए खनिज निगम को उसके प्रशासनिक व्ययों हेतु मिलेगा।

पोषणाहार नीति 

नई पोषणाहार नीति के तहत अब आंगनबाड़ियों और सबला योजना में रेडी टू ईट भोजन महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से प्रदाय होगा। इसके लिए इन महिला स्व सहायता समूहों को मशीनों से खाना बनाने के लिए एमएसएमई नीति के तहत ऋण, तकनीकी सहायता आदि मिलेगी।

नई एमएसएमई नीति 
कैबिनेट की मंजूर नई एमएसएमई नीति 2017 के तहत अब सारी अनुमतियां एक ही स्थान पर एक अम्ब्रेल के नीचे मिलेंगी तथा छोटे उद्योगों को 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

भावांतर योजना 
नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि भावांतर योजना के तहत किसानों को अंतर की राशि का भुगतान करने की शुरुआत मुख्यमंत्री उज्जैन से समारोह पूर्वक करेंगे। जिन किसानों ने अब तक पंजीयन नहीं कराया है उन्हें 15 से 25 नवंबर तक का समय पंजीयन कराने हेतु दिया गया है।

फिर गुजरात जाएंगे मिश्रा 

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि उन्हें गुजरात में हो रहे विधानसभा के आम चुनावों में प्रभार मिला हुआ है तथा वे फिर गुजरात जा रहे हैं।

Similar News