इथेनॉल से बच सकते हैं ईंधन के सात लाख करोड़

इथेनॉल से बच सकते हैं ईंधन के सात लाख करोड़

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-30 10:13 GMT
इथेनॉल से बच सकते हैं ईंधन के सात लाख करोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले कुछ समय से केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी इथेनॉल मिश्रित इंधन का उपयोग कर पर्यावरणपूरक परिवहन पर जोर दे रहे हैं। पर्यावरणपूरक परिवहन के साथ किसान, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के उद्देश्य से देशभर में यह मुहिम चलाई जा रही है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने ‘इंडिया फॉवर इथेनॉल’ वेबपोर्टल का लोकार्पण किया है। फिलहाल यह हिंदी में है। जल्द ही वेबपोर्टल सभी प्रादेशिक भाषा में तैयार करने के संकेत संयोजक ने दिए हैं। 

पिछले 12 सालों से जारी है प्रयास
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी पिछले बारह साल से इथेनॉल निर्मिती के लिए प्रयास कर रहे हैं। तत्कालीन सरसंघचालक के.एस. सुदर्शन ने फेंके जाने वाले कृषि उत्पादन से इथेनॉल की संकल्पना रखी थी। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस संकल्पना को मूर्तरूप देने के लिए पहल की है। उन्होंने संशोधक डॉ. हेमंत जांभेकर को इथेनॉल निर्मिती की जिम्मेदारी सौंपी है। मौजूदा समय में वाहनों के ईंधन में 10 प्रतिशत तक इथेनॉल का उपयोग किया जाता है, लेकिन पेट्रोल, डीजल में इसका उपयोग 30 प्रतिशत तक बढ़ाने पर कच्चे तेल आयात करने पर होने वाला सात लाख करोड़ का खर्च बच सकता है और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

अनुपयोगी कृषि माल का भी इथेनाल निर्मिती में प्रयोग
30 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित ईंधन का उपयोग आज किया जा सकता है, इस प्रयोग का एक वीडियो वेबपोर्टल पर उपलब्ध कराया गया है। देश में बड़े पैमाने पर अनाज तैयार होता है। लेकिन कृषि माल को योग्य दर नहीं मिलने से किसान निराश होकर उसे फेंक देते हैं। इस कृषि माल का उपयोग इथेनॉल निर्मिती के लिए करने पर किसान समृद्ध हो सकता है। पिछले पांच साल में केंद्र सरकार ने बायो सीएनजी, बायो इथेनॉल के लिए प्रयोग शुरू किया है। परंतु इसमें और बढ़ोतरी हो, इसके लिए इंडिया फॉर इथेनॉल वेबपोर्टल पर सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। वेबपोर्टल के संयोजक अजित पारसे ने बताया कि  वेबपोर्टल पर किसान, बेरोजगार, व्यापारी सीधे जाकर इथेनॉल निर्मिती प्रकल्प बाबत जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा बायोफ्यूएल संबंधी जानकारी www.indiaforethanol.net वेबपोर्टल पर शेयर कर सकते हैं। 

युवा, किसान, उद्योजक जुड़ें मुहिम से 
आज ब्राजिल सहित अनेक यूरोपियन देशों में ‘फ्लेक्स इंजिन’ तैयार किया जाता है। 10 से 100 प्रतिशत इथेनॉल पर वाहन दौड़ रहे हैं। भारत में भी यह संभव है। भविष्य में बायो फ्यूल विश्व में निर्यात किया जाएगा। देश की प्रगति के लिए सोशल मीडिया द्वारा किसान, युवा, उद्योजक और संशोधक ‘इंडिया फॉर इथेनॉल’ मुहिम में सहभागी हों। 
नितीन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री व आधारस्तंभ, इंडिया फॉर इथेनॉल

नागपुर में बनेगा संशोधन केंद्र 

सोशल मीडिया द्वारा देश में ‘इंडिया फॉर इथेनॉल’ अभियान चलाकर किसान, उद्यमी युवाओं ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के अभियान में शामिल होकर राष्ट्र समृद्ध, स्वावलंबी करें। इस संबंध में सभी मंत्रालयों के सहकार्य से नागपुर में एक बड़ा संशोधन केंद्र तैयार किया जा रहा है। इस अभूतपूर्व योजना के लिए सरकार व जनता में समन्वय आवश्यक है। 
अजित पारसे, संयोजक, इंडिया फॉर इथेनॉल व सोशल मीडिया विश्लेषक
 

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